Thursday, 28 February 2013
Wednesday, 27 February 2013
court update
कल जिस प्रकार अदालत में कार्यवाही हुई उससे लगता है की अदालत सभी पक्षों अपनी बात रखने का को भरपूर प्रयास दे रही है
अदालत के सामने मामला ये नहीं है की कोन सी चयन प्रक्रिया अच्छी है या कोन सी बुरी
अगर किसी प्रकार की धांधली है तो क्या उसको अलग किया जा सकता है ( गुड पार्ट - बेड पार्ट को अलग करना )
धांधली किस स्तर की है क्या कुछ अनियमितताएं हैं ( जैसा की गलत प्रश्नों के कारण अंक बढना )
मेरा विचार है कि अगर गलत प्रश्नों की अनियामित्ता को हल करना है तब तो टीईटी मेरिट एक बहुत ही बेहतर विकल्प है
क्योंकि लगभग सभी अभ्यार्थीयों को गलत प्रश्नों पर अंक मिले थे और अंक संबंधी शिकायतों का निपटारा भी किया गया था ।
अब एक प्रश्न ये भी है कि क्या कुछ लोगो ने गलत तरह से अंक बढवाये वे कोन लोग हैं , कितने लोग हैं और क्या टीईटी परीक्षा को पात्रता में बदलने से ऐसे लोग चयन प्रक्रिया से बाहर हो जायेंगे ।
जिन अभ्यार्थीयों ने परीक्षा में मेहनत से अच्छे अंक प्राप्त किये , क्या चयन प्रक्रिया बदलने से उनका नुक्सान नहीं होगा ।
क्या ये सही है कि करे कोई और भरे कोई ।
कुछ लोग कह रहे हैं कि टी ई टी परीक्षा से सिर्फ कुछ दिन पहले चयन पद्दति बदली गयी ।
कम से कम यू पी में चयन पद्दति परीक्षा से पहले तो बताई गयी , क्या आपको पता है कि सीटीईटी परीक्षा में कहीं बताया गया है कि कोन सी संस्था चयन में सीटीईटी मार्क्स को कितना वेटेज देगी ।
ये सभी बातें सी टी ई टी परीक्षा से पहले किसी को पता नहीं होती ।
अब दो प्रश्न सामने हैं -
1. टी ई टी परीक्षा में गड़बड़ी है तो ऐसी परीक्षा से पात्र बनने वाले कैसे सही होंगे
2. अगर परीक्षा ठीक हुई है - टी ई टी मेरिट से चयन हो सकता है या फिर धांधली वालों को बाहर कर टी ई टी मेरिट से भर्ती हो सकती है ( आखिर जिसने टी ई टीपरीक्षा में मेहनत से अंक प्राप्त किया , उसका क्या कसूर और वो दूसरों की गलती की सजा क्यूँ भुगते )
Tuesday, 26 February 2013
Court View - High Court of Judicature at Allahabad
COURT NO 33
CASE NO 20. DF 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C. C.B.YADAV
शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा गूंजा
UPTET : शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा गूंजा
नेता सदन ने कहा, घोषणापत्र में किए वादे पूरे करेंगे
लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा विधान परिषद में उठाया। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों को लेकर गंभीर है। घोषणापत्र में उनके लिए किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।
शून्य काल में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह, हृदय नारायण दीक्षित, डॉ यज्ञदत्त शर्मा, केदारनाथ सिंह और डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में तैनात होने वाले शिक्षामित्रों की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है। प्रदेश सरकार ने स्नातक या उससे ऊपर योग्यता रखने वाले शिक्षामित्रों को बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया। शिक्षा मित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग चल रही है। नेपाल सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षा मित्रों को टीईटी पास न होने के कारण शिक्षक के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा रही है वहीं उन्हें टीईटी में बैठने का अवसर ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि एक दशक से काम कर रहे शिक्षा मित्र अब कहीं नौकरी पाने के योग्य नहीं। इन शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया जाए। अहमद हसन ने कहा कि राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान और निदेशक बेसिक की आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी
UPTET : शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा गूंजा
नेता सदन ने कहा, घोषणापत्र में किए वादे पूरे करेंगे
लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा विधान परिषद में उठाया। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों को लेकर गंभीर है। घोषणापत्र में उनके लिए किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।
शून्य काल में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह, हृदय नारायण दीक्षित, डॉ यज्ञदत्त शर्मा, केदारनाथ सिंह और डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में तैनात होने वाले शिक्षामित्रों की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है। प्रदेश सरकार ने स्नातक या उससे ऊपर योग्यता रखने वाले शिक्षामित्रों को बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया। शिक्षा मित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग चल रही है। नेपाल सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षा मित्रों को टीईटी पास न होने के कारण शिक्षक के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा रही है वहीं उन्हें टीईटी में बैठने का अवसर ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि एक दशक से काम कर रहे शिक्षा मित्र अब कहीं नौकरी पाने के योग्य नहीं। इन शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया जाए। अहमद हसन ने कहा कि राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान और निदेशक बेसिक की आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी
UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की हलचल में गुम हो गया टीईटी
UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की हलचल में गुम हो गया टीईटी
राज्य मुख्यालय, प्रमुख संवाददाता। पिछले वर्ष अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) नहीं हो पाई। टीईटी 2013 को लेकर भी अभी विभाग में कोई हलचल नहीं है। कारण यह कि टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों की सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर भर्ती प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। लिहाजा विभाग चाह रहा है कि ये भर्तियां होने के बाद ही टीईटी की अगली परीक्षा प्रदेश में कराई जाए। सूत्रों के मुताबिक, आला अधिकारी चाहते हैं कि टीईटी 2011 के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद में भर्तियां हो जाएं तो ही अगली टीईटी करवाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। हालांकि पिछले वर्ष कई बार विभाग ने प्रस्ताव मंगवाया, इस पर बैठकें भी हुईं लेकिन भर्तियां न हो पाने के चलते इस प्रक्रिया में गति नहीं आ पाई। शिक्षा का अधिकार एक्ट (आरटीई) के तहत टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही कक्षा एक से आठ तक पढ़ा सकेंगे। इसी के चलते 2011 नवम्बर में प्रदेश सरकार ने टीईटी करवाया। टीईटी 2011 में लगभग पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने कक्षा एक से पांच तक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। लेकिन इसके आधार पर केवल साढ़े तीन हजार भर्तियां ही अभी तक हुई हैं। ये भर्तियां बेसिक शिक्षा परिषद में वशििष्ट बीटीसी, बीटीसी व उर्दू में प्रवीणताधारी उपाधि रखने वाले अभ्यर्थियों की हुई हैं। हालांकि जिन 72,825 पदों को भरने के लिए राज्य सरकार ने आनन-फानन में ये परीक्षा करवाई, वे पद आज तक भर नहीं पाए हैं। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है। हालांकि टीईटी उत्तीर्ण अध्यापक का नियम सरकारी, सहायताप्राप्त और यहां तक कि प्राइवेट विद्यालयों पर भी लागू होगा। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भर्तियों का मामला जहां हाईकोर्ट में है वहीं सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल के लिए कुछ महीने पहले ही नियमावली में संशोधन किया गया है। सम्बद्ध प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा से संचालित कक्षा आठ तक के लिए भी नियमावली में टीईटी उत्तीर्ण का संशोधन नहीं किया गया है। प्राइवेट स्कूलों में इसे लागू करने के लिए कोई आदेश नहीं जारी हुए। लिहाजा टीईटी 2011 के अभ्यर्थी ही अभी तक रोजगार की राह तक रहे हैं
Monday, 25 February 2013
Teacher recruitment(uptet 2011) anudheshak bharti.....
Teacher recruitment(uptet 2011)
anudheshak bharti.....
poora G.O. parhne k liye niche diye link pr clk karen . purn G.O. aur sanshodhit G.O. milakr parhen..
http:// upbasiceduparishad.gov.in/ GO_Selection_of_Instructors.pdf
upbasiceduparishad.gov.in
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upbasiceduparishad.gov.in
http://
upbasiceduparishad.gov.in
अनुदेशकों की भर्ती में सर्वर की बाधा
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद की भर्तियों की ऑनलाइन व्यवस्था एक बार फिर
अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। प्रदेश में प्रशिक्षु
शिक्षकों की भर्ती के आवेदन के बाद अब परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों
में संविदा पर अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती में वेबसाइट अभ्यर्थियों के लिए
मुसीबत पैदा कर रही है।इसके चलते कई अभ्यर्थियों को सैकड़ों रूपये साइबर
कैफे में खर्च करने पड़ रहेहैं। सोमवार से आवेदन शुरू हो चुका है। पहले ही
दिन बार-बार वेबसाइट बंद होती रही। गौरतलब है कि प्रदेश के 13769
विद्यालयों में कुल 41307 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती के लिए 23 मार्च तक
आवेदन किए जा सकेंगे। ई-चालान द्वारा आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि
21 मार्च निर्धारित की गई है।
आवेदन के लिए एनआइसी की ओरसे
डब्ल्युडब्ल्युड ब्ल्युडॉट यूपीबेसिकइडीयूप रिषद डॉट जीओवी डॉट इन
वेबसाइट तैयार की गई है। फिलहाल यह वेबसाइट बार बार अभ्यर्थियों की पहुंच
से बाहर हो रही है। बीपीएड बेरोजगार संघ ने वेबसाइट को सुचारू रूप से चलाए
जानेकी मांग की है। संघ के पदाधिकारियों
प्रभु कुमार पचौरी, मंजू तिवारी, शोएब अहमद, महेंद्र गिरी, आनंद यादव आदि
ने बेसिक शिक्षा सचिव कार्यालय को ज्ञापन भेजा है।
निश्शुल्क एवं
अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार सौ से अधिक छात्र
संख्यावाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रति 35 छात्रों पर एकअध्यापक,
एक प्रधानाध्यापकऔर कला, स्वास्थ्य एवं शारीरिक एवं कार्य शिक्षा के
एक-एक अंशकालिक अनुदेशकतैनात किए जाने हैं। इसके लिए 30 अक्टूबर 2012 की
छात्र संख्या के आधार पर सौसे ज्यादा छात्र संख्या वाले विद्यालयों का चयन
किया गया है जहां अंशकालिक अनुदेशक तैनात किए जाएंगे।प्रदेश में 13769 और
इलाहाबाद में 353 विद्यालयों में रिक्तियां घोषित की गई हैं। अभ्यर्थी को
अपने ही जिले में आवेदन करने की छूट दी जा रही है। सामान्य अभ्यर्थी को दो
सौ रुपये और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को सौ रुपये
का आवेदन शुल्क देना है। आठअप्रैल को मेरिट सूची और तीस अप्रैल को
काउंसिलिंग कराई जाएगी। 15 मई को तैनाती और 16 मई से 30 जून के बीच
प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। सभी अंशकालिक अनुदेशकों को एक जुलाई 2013 को
विद्यालयों में कार्यभार दे दिया जाएगा
अंशकालिक अनुदेशकों के लिए पांच वर्ष उम्र घटायी
लखनऊ (एसएनबी)। सूबे में 41 हजार अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती के लिए 35
वर्ष उम्र तक के हीअभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने अंशकालिक
अनुदेशकों के अभ्यर्थियों की उम्र 40से पांच वर्ष घटाकर 35 कर दी है। वहीं
72800 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में सरकार ने अभ्यर्थियों की उम्र 40
वर्ष रखी थी। ऑन लाइन भर्ती प्रक्रिया के पहले ही दिन तीन हजार से ज्यादा
अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। वहीं विकलांग अभ्यर्थियों को इन पदों के
आवेदन के लिए कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।
Sunday, 24 February 2013
संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू पंजीकरण आज से
UP BASIC EDUCATION PARISHAD DEPARTMENT: 41907 Anudeshak Recruitment
Website Link to Apply - http:// upbasiceduparishad.gov.in/
1. सामान्य दिशा निर्देश
http:// upbasiceduparishad.gov.in/ General_Nirdesh.pdf
2. तकनीकी ऑपरेशनल दिशा निर्देश
http:// upbasiceduparishad.gov.in/ PTET_Manual21022013.pdf
3. रजिस्ट्रेशन एवं आवेदन का प्रारूप
http:// upbasiceduparishad.gov.in/ PTET_SAMPLEFORM%2021022013.pdf
•छह जिलों में एक हजार से अधिक सीटें
लखनऊ।
सूबे में बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में 41,307 संविदा
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन
पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। पंजीकरण के बाद ऑनलाइन आवेदन किया जा
सकेगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 23 मार्च है। संविदा शिक्षकों को हर माह
7000 रुपये मानदेय दिया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद उच्च प्राथमिक स्कूलों में कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा व स्वास्थ्य शिक्षा और कार्य अनुभव शिक्षा के लिए संविदा शिक्षक रखना अनिवार्य कर दिया गया है। संविदा शिक्षक भर्ती के लिए 21 से 35 वर्ष की आयु वाले पात्र होंगे। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन पंजीकरण कराने के साथ आवेदन किया जा सकेगा। ऑनलाइन पंजीकरण 18 मार्च और ई चालान 21 मार्च तक जमा किए जा सकेंगे
कौन होंगे पात्र
वर्तमान
शैक्षिक सत्र 2012-13 में अभ्यर्थी की आयु 1 जुलाई 2013 को न्यूनतम 21
वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष। एससी, एसटी व ओबीसी को अधिकतम आयु सीमा में पांच
वर्ष की छूट। विकलांगों की उच्चतर आयु सीमा 15 वर्ष अधिक मान्य। भूतपूर्व
सैनिकों के लिए भी छूट का प्रावधान।
शैक्षिक अर्हता
1-
कला शिक्षा - इंटरमीडिएट कला विषय के साथ तथा बीए/ ड्राइंग व पेंटिंग के
साथ बीए/इंटरमीडिएट के साथ किसी विश्वविद्यालय अथवा मान्यता
प्राप्त संस्थान से प्राप्त कला में विशेष उपाधि/डिप्लोमा
2-
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा - स्नातक व प्रदेश सरकार द्वारा
मान्यता प्राप्त व्यायाम शिक्षा में डिप्लोमा अथवा विश्वविद्यालय द्वारा
व्यायाम शिक्षा में हासिल उपाधि/डिप्लोमा अथवा उसके समकक्षक अन्य योग्यता
3-
कार्यशिक्षा : इसमें चार विषय (कम्प्यूटर शिक्षा, गृहशिल्प व संबंधित कला,
उद्यान विज्ञान एवं फल संरक्षण तथा कृषि) होंगे। कम्प्यूटर शिक्षा
व गृहशिल्प-संबंधित कला केलिए 35-35 प्रतिशत तथा उद्यान विज्ञान एवं
फल संरक्षण तथा कृषि विषय के लिए 15-15 प्रतिशत विद्यालयों में विषयवार चयनित होंगे।
कप्यूटर शिक्षा के लिए योग्यता - बीएससी इन कम्प्यूटर साइंस या बीसीए या डोएक से ए सर्टिफिकेट गृहशिल्प एवं संबंधित कला - गृह विज्ञान/गृह अर्थशास्त्र/ घरेलू विज्ञान/ गृहकला में स्नातक
उद्यान विज्ञान एवं फल संरक्षण - बीएससी कृषि के साथ फल संरक्षण का विशेष डिप्लोमा कृषि शिक्षा : बीएससी कृषि
इस तरह होंगे ई-आवेदन
--अभ्यर्थी अपने जिले में ही आवेदन कर सकेंगे, काउंसिलिंग के समय निवास प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
--ई-चालान जमा करने की निर्धारित तिथि तक शुल्क एसबीआई की किसी भी शाखा में जमा किया जा सकेगा।
--ई-आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि से एक सप्ताह का समय ई-चालान द्वारा आवेदन शुल्क जमा करने के लिए अतिरिक्त रूप से मिलेगा।
--ई-आवेदन
पत्र प्राप्त होने की अंतिम निर्धारित तिथि के बाद के जारी शैक्षिक अंक
पत्र तथा प्रमाणपत्र काउंसिलिंग के समय स्वीकार्य नहीं होंगे।
--एक से अधिक ई-आवेदन फिर से नहीं भरे जा सकेंगे।
आवेदन शुल्क:
ई-आवेदन पत्र के लिए एससी, एसटी के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क -100 रुपये
अन्य अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क - 200 रुपये
Thursday, 21 February 2013
सचिव ने तलब किया रिक्त पदो का विवरण
सचिव ने तलब किया रिक्त पदों का विवरण
हरदोई। प्रदेश में चल रही 72,825 प्रशिक्षु टीचरों के पदों पर भर्ती का
मामला भले ही कोर्ट में दिन पर दिन पेचीदा होता जा रहा हो, पर बेसिक शिक्षा
परिषद के सचिव ने बीएसए को भेजे पत्र में बताया कि जल्द से जल्द जिले में
सृजित पदों के सापेक्ष रिक्तियों एवं स्कूलों की सारी सूचनाएं तलब की हैं।
प्रदेश में टीचरों के 72825 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया
गया था। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा इस ओर प्रदेश के सभी बीएसए को निर्देश
भी जारी किए जा चुके थे। इन्हीं निर्देशों के मुताबिक भर्ती को लेकर पूरे
प्रदेश में काउंसिलिंग को शुरू भी करा दिया गया था, पर मामला कोर्ट में
जाने से शासन की ओर से काउंसिलिंग को रुकवा दिया गया। यहां तक की बेसिक
शिक्षा परिषद द्वारा मांगी गई सूचनाओं को भी जिलों के बेसिक शिक्षा विभागों
द्वारा भेजना बंद कर दिया गया। इस जिले में कुछ ऐसा ही हुआ।
इसके साथ
ही टीचर बनने का सपना देखने वालों ने भी प्रक्रिया अधर में लटकते देख इस ओर
सोचना बंद कर दिया, पर गुरुवार को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा
द्वारा बीएसए को पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि 72825 टीचर भर्ती
को लेकर प्रक्रिया अनवरत शुरू है। जिले में सृजित पदों के सापेक्ष
रिक्तियों का विवरण एवं सुगम स्कूलों के चिन्हांकन संबंधी सूचना पूर्व में
मांगी गई थी, पर अब तक मुहैया नहीं कराई गई। इसलिए तीन दिनों के भीतर सूचना
निर्धारित प्रारूप पर भेजें।
Wednesday, 20 February 2013
अंशकालिक अनुदेशक की नियुक्ति पर रोक
अंशकालिक अनुदेशक की नियुक्ति पर रोक
•अमर उजाला ब्यूरो
हरदोई। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए
जूनियर हाईस्कूलों मेंअंश कालिक अनुदेशकों की नियुक्ति पर अग्रिम आदेश तक
रोक लगा दी है। इससे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक के रूप में कार्य करने
वाले शिक्षित बेरोजगारों के सपनों पर पानी फिर गया है। अपर परियोजना निदेशक
ने अग्रिम आदेश तकप्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
जिले के परिषदीय जूनियर
हाई स्कूल में 1368 अंशकालिक अनुदेशक की नियुक्ति होनी थी। इनमें कला,
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा विषय के अंशकालिक अनुदेशक
नियुक्ति किए जाने थे। कार्य शिक्षा विषय में कंप्यूटर, गृह शिल्प, फल
संरक्षण और कृषि शिक्षा के अंशकालिक अनुदेशक तैनात होंगे। इनकी तैनाती 100
से अधिक छात्र संख्या होने वाले विद्यालयोंमें की जानी थी। इनके लिए आन
लाइन आवेदन भरे जाने थे। नियुक्ति के लिए 25 फरवरी को विज्ञप्ति जारी होनी
थी। 21 मार्च तक शुल्क जमा होना था और 23 मार्च तक आन लाइन आवेदन भरे जाने
थे। 8 अप्रैल को मेरिट सूची जारी की जानी थी। 30 अप्रैल को जिला समिति की
ओर से काउंसिलिंग और 15 मई तक उनकी नियुिक्त करने के उपरांत 16 से 30 जून
तक प्रशिक्षण दिया जाना था। एक जुलाई से अनुदेशकों विद्यालयों में शिक्षण
कार्य शुरू करने वाले थे। मगर इस पूरी प्रक्रिया पा रोक लगा दी गई है।
अपर परियोजना निदेशक मीना शर्मा ने बीएसए को पत्र जारी कर प्रक्रिया को
रोकने के आदेश दिए है। उन्होंने बताया कि नए शिक्षा निदेशक के आनेके कारण
प्रक्रिया का पुन: अनुमोदन लिया जाएगा।इस कारण 25 फरवरी को विज्ञप्ति का
प्रकाशन न किया जाए और अग्रिम आदेश तक प्रक्रिया को स्थगित रखा जाए।
•25 फरवरी को जारी होनी थी विज्ञप्ति
•अपर परियोजना निदेशक ने अग्रिम आदेश तक लगाई रोक
Tuesday, 19 February 2013
शिक्षक भर्ती सुनवाई की तारीख बढ़ी, 27 तक होगी सीडी की फोरेंसिक जांच
UPTET : शिक्षक भर्ती सुनवाई की तारीख बढ़ी, 27 तक होगी सीडी की फोरेंसिक जांच
72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
प्रदेश में की जा रही 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर लटक
गयी है। हाईकोर्ट में दायर याचिका की आज बुधवार को सुनवाई होनी थी। जिस पर
टीईटी अभ्यर्थियों की निगाहें टिकी हुईं थीं लेकिन हाईकोर्ट में तारीख आगे
बढ़ जाने की सूचना मिल रही है। अगली तारीख 27 फरवरी बतायी गयी है। सूत्रों
के मुताबिक अगली 27 तारीख तक सरकार ने यूपी टीईटी की सीडी व हार्डडिस्क की
फोरेंसिंक जांच लखनऊ में कराने की बात कही है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने
सरकार को समय देकर अगली तारीख 27 फरवरी दे दी है।
विदित हो कि प्रदेश में बसपा शासन काल में ही 72 हजार 825 पदों के लिए
प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 2011 में विज्ञापन जारी किया
गया था। जिसके आधार पर प्रदेश में लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किये। लेकिन
बाद में टीईटी परीक्षा में घोटाला घपला सामने आने के बाद भर्ती प्रक्रिया
अदालती कार्यवाही में लटक गयी। जिसके बाद प्रदेश में शासन बदल गया और जिसके
साथ ही भर्ती प्रक्रिया की तस्वीर भी बदल दी गयी व पिछला विज्ञापन व भर्ती
प्रक्रिया निरस्त कर दी गयी।
समाजवादी पार्टी के शासनकाल में दोबारा भर्ती का खाका तैयार कर गुणांक
मैरिट के आधार पर आवेदन 7 दिसम्बर 2012 को आवेदन मांगे गये। जिसके क्रम में
प्रदेश में लगभग 69 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किये। 22 जनवरी को कटआफ
मैरिट भी जारी कर दी गयी। लेकिन 4 फरवरी को जैसे ही काउंसलिंग शुरू की गयी
तो हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से टीईटी
में पायी गयीं धांधली के साक्ष्य मांगे। जिस पर अब उत्तर प्रदेश सरकार
साक्ष्य जुटाने में लगी है। अब माना जा रहा है कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार
पुख्ता सबूत न जुटा पायी तो भर्ती प्रक्रिया का क्या होगा।
बुधवार 20 फरवरी को जिस पर सुनवाई होनी थी। आज मात्र 10 मिनट सुनवाई
हुई। अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी निश्चित की गई है। कोर्ट को सरकारी वकील
द्वारा बताया गया कि पूरकहलफनामा तथ्यों की जाँच के बाद उपलब्धकराया जा
सकेगा । मामले की जाँच अभी पूरी नही हो पाई है । जिस पर उच्च न्यायालय ने
सुनवाई की अगली तारीख 27 फरवरी कर दी है।
Monday, 18 February 2013
18.02.2013
मेरिट के आधार पर नियुक्ति करे सरकार
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को मेहता पार्क में हुई। इसमें मेरिट के आधार पर शिक्षक नियुक्ति की मांग की गई। मांग पूरी न होने पर अभ्यर्थियों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी।रवींद्रनाथ यादव ने कहा कि देश व समाज का विकास योग्य नागरिकों द्वारा होता है। योग्य नागरिक के निर्माण में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसलिए सरकार को बिना किसी भेदभाव के टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक नियुक्ति का रास्ता साफ करना चाहिए। अरविंद यादव ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि यदि टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति नहीं हुई तो अयोग्य लोग व्यवस्था को प्रभावित करेंगे। उमेश कुमार ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। हमें विश्वास है की जीत हमारी होगी। बस जरूरत है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी एकजुट होकर संघर्ष करें। इस मौके पर राजेश, उमेश कुमार, उमेश वर्मा, सुभाष चंद्र तिवारी, बृजभान चौहान, राजेश, शिवानंद, अखिलेश, मिथिलेश, संतोष कुमार, सत्यप्रकाश, भोला, मनोज, सूर्यभान, भारत भूषण आदि उपस्थित थे
Friday, 15 February 2013
उत्तर प्रदेश में 41 हजार 307 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती
उत्तर प्रदेश में 41 हजार 307 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती
41,307 की नियुक्ति का रास्ता साफ...
प्रदेश स्तर पर 25 फरवरी को जारी होगा विज्ञापन
23 मार्च तक भरा जाएगाऑनलाइन आवेदन
10 मई को काउंसिलिंग, एक जुलाई को नियुक्ति
बी.ए. पास अभ्यर्थी भी होंगे परिषदीय उच्च्ा प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशकों के लिए पात्र
उत्तर प्रदेश में जल्द ही 41 हजार 307 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती होने जा
रही है। जिसके बाद परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा की
गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना जतायी जा रही है। उत्तर प्रदेश शासन के
प्रमुख के माध्यम से 41307 पदों पर अशंकालिक भर्ती के लिए शासनादेश जारी
कर दिया गया है। शासनादेश के अनुसार बी.ए. पास अभ्यर्थी भी अंशकालिक
अनुदेशक के पदों के लिए पात्र होंगे।
उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव सुनील कुमार द्वारा 31 जनवरी 2013 को
शासनादेश सं0 3311/79-5-2013-5/2010 से प्रदेश में 41307 अंशकालिक अनुदेशक
को चयन करने सम्बन्धी शासनादेश जारी कर दिया, जिन उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में 100 से अधिक नामांकन है, उन विद्यालयों का चयन कर उनमें
अनुदेशकों को नियुक्ति किया जायेगा|
अशंकालिक अनुदेशकों के पद एवं शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार है-
1- कला विषय हेतु अनुदेशक -
शैक्षिक अर्हता – इण्टरमीडिएट कला विषय के साथ तथा बी0ए0
अथवा
ड्राइंग अथवा पेन्टिंग के साथ बी0ए0
अथवा इण्टरमीडिएट के साथ विश्वविद्यालय/मान्यता प्राप्त संस्थान
द्वारा प्रदत्त कला विष्ाय में विशेष उपाधि अथवा
डिप्लोमा2-स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक - स्नातक तथा राज्य
सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त व्यायाम शिक्षा में डिप्लोमा अथवा
विश्विद्यालय द्वारा प्रदत्त व्यायाम शिक्षा में उपाधि/डिप्लोमा अथवा
उसके समकक्ष योग्यता
3-कार्य शिक्षा अनुदेशक -उक्त में 04 प्रकार के अनुदेशक भर्ती किये जायेगें -
अ- कम्प्यूटर शिक्षा – शैक्षिक अर्हता बी0एस0सी0 इन कम्प्यूटर साइन्स
अथवा बी0सी0ए0 अथवा डी0ओ0ई0ए0सी0सी0 से ए लेबल कोर्स के साथ स्नातक
ब- ग्रहशिल्प एवं सम्बन्धित कला – ग्रह विज्ञान या ग्रह अर्थशास्ञ या घरेलू विज्ञान या ग्रह कला में स्नातक
स- उद्यान विज्ञान एवं फल संरक्षण – बी0एस0सी0 क़्रषि के साथ फल संरक्षण का विशेष डिप्लोमा
द- क़्रषि शिक्षा – बी0एस0सी0 क्रषि के साथ
आयु की गणना – 01 जुलाई 2012 से न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 35 वर्ष, आरक्षित वर्ग के श्रेणियों को नियमानुसार छूट
मानदेय – अधिकतम मानदेय रू0 7000/- कुल 11 माह हेतु
निर्धारित शुल्क – अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क रू 100 व अन्य के लिए 200/-
आवेदन की प्रक्रिया – सभी आवेदन ऑनलाइन विज्ञापन के आधार पर किये जायेगें
तथा ऑन लाइन आवेदन की शर्ते पूर्व में टी0ई0टी0प्रशिक्षु भर्ती की तरह
होगीं
विज्ञापन प्रकाशन की तिथि – 25-02-2013
ऑन लाइन शुल्क जमा करने की अन्तिम तिथि – 21-03-2013
ई-चालान आवेदन की अन्तिम तिथि – 23-03-2013
आरक्षणवार मेरिट सूची जारी करने की तिथि – 08-04-2013
जिला चयन समिति द्वारा काउन्सलिंग तिथि – 30-04-2013
विद्यालयों में तैनाती की तिथि - 01-07-2013
बेवसाइट की जानकारी विज्ञापन प्रकाशन के समय उपलब्ध कराई जायेगी
Thursday, 14 February 2013
12 हजार शिक्षकों की और भर्ती 15-02-2013
UPTET-12 हजार शिक्षकों की और भर्ती
लखनऊ (ब्यूरो)News Source : Hindustan Epaper (15.2.13) । बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 12 हजार और शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया इसी महीने शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण पूरा कर टीईटी व सीटीईटी पास करने वाले ही पात्र होंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे।
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 12 हजार और
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया इसी महीने शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए
बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण पूरा कर टीईटी व सीटीईटी पास करने
वाले ही पात्र होंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया आवेदन करने वालों के लिए कोई मेरिट नहीं जारी होगी, केवल
उनके प्रमाण पत्रों की जांच के बाद सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दे दी
जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव कार्यालय ने इस संबंध में शासन को
प्रस्ताव भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इस माह के अंत तक विज्ञापन
निकालकर ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी है
प्रदेश में पहले बीटीसी और
विशिष्ट बीटीसी करने वालों को प्रशिक्षण के बाद प्राथमिक स्कूलों में सीधे
सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती दे दी जातीथी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम
लागू होने के बाद शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया
है। प्रदेश में वर्ष 2004से 2010 के न्यायालय आदेशया फिर देर से बीटीसी
औरविशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की भर्ती के लिए दो माह
पहले 9,770 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था। मगर मात्र 3,500 पदों को
ही भरा जा सका। इसमें से 6,270 पद खाली रह गए। इसके अलावा बीटीसी 2010 बैच
केकरीब 9,000 प्रशिक्षार्थियों का वर्ष 2012 में प्रशिक्षण पूरा हुआ हुआ
है।
Wednesday, 13 February 2013
कोर्ट आर्डर का हिन्दी अनुवाद
कोर्ट आर्डर का हिन्दी अनुवाद 14-02-2012
माननीय - सुशील हरकोली जी
माननिय - मनोज मिश्रा जी
समान अपील वाले इस बंच (ढेरी ) में , हमने विद्वान काउन्सिल को सुना और प्रदेश के विद्वान अतिरिक्त महाधिवक्ता को भी सुना ।
इस अपील को दोबारा 20 फरवरी को अन्य बंच केसेस के साथ लिस्ट किया जाये ।
और इस दोरान रेस्पोंदेंट (जवाब देह / सरकारी पक्ष ) द्वारा एक
सप्लीमेंट्री काउंटर एफिडेविट दिया जाये , जिसमें सपोर्टिंग / प्रासंगिक
जरुरी दस्तावेजों के साथ पूरी जानकारी हो व अलग अलग इस प्रकार दिया जाये
कि -
सभी तरह की अनियमितताएं जो की हाई पवार कमेटी द्वारा संदर्भित हों
.
प्रत्येक अनियमितता को अलग अलग तरीके से विश्लेषणात्मक तरीके से हल किया जाएगा ।
बहस को सुनने के दोरान , हमने अतिरिक्त महाधिवक्ता को कहा कि - कमेटी की रिपोर्ट जो की काउंटर एफिडेविट के साथ दी गयी है -
क्या कमेटी ने आरोपों और सामग्री को विश्लेषणात्मक तरीके से जांचा या ये मामले का एक सतही / सुपर फ़िसिअल दृष्टी कोण है।
उदहारण के लिए - रिपोर्ट के नोट में कहा गया है कि टी ई टी परीक्षा करने
वाली एजेंसी के आफिस से 3493 ओ एम् आर शीट की कार्बन कोपीस जब्त की गयी ।
एक हार्ड'डिस्क भी जब्त की गयी जो की एस ऍफ़ एल लखनऊ को भेज दी गयी है । उसके बाद ये कहा गया कि -
एस पी रमा बाई नगर ने एक रिपोर्ट दिनांकित 10 -04 -2012 दी , जो खुलासा करती है की -
बजाय मूल ओ एम् आर शीट की जांच के , ओ एम् आर शीट की कार्बन कोपीस की जांच की गयी
केवल कार्बन प्रतियां एजेंसी के कार्यालय से पाया जाने का यह मतलब नहीं की उनकी मूल ओ एम् आर प्रति नहीं मिली ।
कमेटी ने इसके बारे में स्पष्टीकरण नहीं दीया। और इस बात का निष्कर्ष एस पी जी ने कहाँ से लिया कि -
कंप्यूटर स्केनर ने मूल उत्तर पत्रिका प्रति के बजाय कार्बन प्रति की जांच की ।
याची की तरफ से प्रस्तुत किया है की - मूल ओ एम् आर उत्तर पत्रिका में एक
बार कोड है जिसके बिना स्केनर ओ एम् आर शीट को जांच नहीं सकता ।
यह
भी तर्क दिया कि (हालाँकि अदालती बहस में इसका प्रभाव नहीं है ) - कि
कार्बन प्रति को परीक्षा के बाद अभ्यर्थीयों को वापिस भी किया गया था
हमारी राय है की -
की जब सम्बंधित अभ्यर्थीयों को सुनवाई का कोई अवसर नहीं मिला और यह 70 हज़ार से ज्यादा अभ्यर्थीयों का भाग्य बदल सकता है तो
हाई पवार कमेटी की बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वह पूर्ण विवरण इकठ्ठा करे
और प्राप्त सामग्री (जो अब तक मिली है ) का विश्लेषण व जांच करे और कमेटी
की रिपोर्ट का परिक्षण करे - जिस पर कमेटी ने अपना निर्णय दिया है
ऊपर दिए गए विवरण को देखते हुए -
राज्य के रेस्पोंदेंत (जवाब देह ) द्वारा एक सप्लीमेंटरी काउन्टर एफिडेविट दिया जाना चाहिए
सभी केसेस को 20 फरवरी 2013 (जैसा की अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा प्रार्थना की गयी ) को लिस्ट किया जाये
अंतरिम आदेश अगली लिस्टिंग की तिथी तक जारी रहेगा
Court No. - 33
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 150 of2013
Petitioner :- Navin Srivastava And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastava,Shas hi Nandan
Respondent Counsel :- C.S.C.,BhanuPratap Singh,C.B.Yadav
And
1. Special Appeal No. 149 of 2013
2. Special Appeal No. 152 of 2013
3. Special Appeal No. 159 of 2013
4. Special Appeal No. 161 of 2013
5. Special Appeal No. 205 of 2013
6. Special Appeal No. 206 of 2013
7. Special Appeal No. 220 of 2013 Hon'ble Sushil Harkauli,J.
Hon'ble Manoj Misra,J.
In this bunch of similar appeals, we have heard learned
counsel for the appellants and thelearned Additional Advocate
General for the State. List these appeals together again as a bunch
on 20.02.2013. By that time, a supplementary-c ounter-affida vit
will be filed by the respondents giving full details, and enclosing
therewith copies of all the supporting/ relevant documents,
separately on each of the alleged irregularities referred to in the
report of the High Powered Committee.
Each of irregularities will be dealt with separately in an
analytical manner. During the course of arguments, we have
pointed out today to the learned Additional Advocate General that
the report of the Committee, which has been enclosed with the
counter-affidav it raises the basic question whether the Committee
has applied its mind to the allegations and material by way of
analytical scrutiny, or has taken too supercficial a view of the
matter. By way of an example, the report notes that 3493 carbon
copies of OMR Sheets were seized from offices of the Agencyconductin
g the test (TET). A hard disk was also seized and sent to
the SFL, Lucknow. Thereafter it says that the SP, Ramabai Nagar
has given a report dated 10.04.2012 saying that the investigation
so far, has revealed that instead ofgetting the original OMR Sheets
being examined by the Computer, carbon copies of the same had
been examined.
Merely because the carbon copies were found from the
Agency's Office will not necessarily mean that the original OMR
Sheets of those carbon copies were not found. This should have
been got clarified by the Committee. Further, it has not been
considered as to what is the material on the basis of which theS.P.
has inferred that the Computer Scanner examined the carbon
copies instead of the original Answer Sheets.
From the side of the appellants, it has been submitted that the
original OMR answer-sheets contain a "Bar Code", without which
the Scanner will not examine the OMR sheet. It has been argued,
although there is no pleading to that effect, that the carbon copies
do not contain the 'bar code', because the carbon copies are to be
given back to the candidates afterthe examination.
We are of the opinion that when no opportunity of hearing is
being afforded to the concerned selected candidates, and because
the decision is likely to alter the fate of more than seventy
thousand candidates, a much greater responsibility lay upon the
High Powered Committee to elicit full details, to examine and
analyse the material so obtained, and to test the reports on the basis
of which the Committee is giving its decision.
In the above light, a supplementary-c ounter affidavitshould be
filed by the State-responden ts.
List all these cases on 20.02.2013, as prayed by the learned Addl.
Advocate General.
Interim order will continue till the next date of listing.
Order Date :- 12.2.2013
Sunil Kr Tiwari
(Manoj Misra, J.) (Sushil Harkauli, J.)
Tuesday, 12 February 2013
क्या हाईस्कूल, इंटर, बीए औऱ बीएड डिग्रियां बेकार है टीईटी के सामने
क्या हाईस्कूल, इंटर, बीए औऱ बीएड डिग्रियां बेकार है टीईटी के सामने (13-02-2013)
लखनऊ- टीईटी परीक्षा
में पूछे गए सवालों पर यूपी बोर्ड द्वारा जारी उत्तरों में बार-बार बदलाव।
ऐसी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को नियुक्ति परीक्षा का दर्जा देकर
मेरिट के जरिए सीधे नियुक्ति करने के कथित फैसले को लेकर पूरे प्रदेश में
सवाल उठाए जा रहे हैं।
कहा
जा रहा है अगर ऐसा हुआ तो अभ्यर्थियों की चार डिग्रियों के परिणाम बेमानी
हो जाएंगे। इस हाल में कई अभ्यर्थी न्यायालय जाने की तैयारी में हैं। इससे
शिक्षक चयन प्रक्रिया रुक भी सकती है। प्रदेश में लगभग 7,3000 शिक्षकों की
नियुक्ति होनी है।
नि:शुल्क
व अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियमलागू होने से सरकार इन पदों को जल्दी ही
भर देना चाहती है। इसी के चलते शासन की ओर से टीईटी की मेरिट से सीधे
नियुक्ति देने की बात कही थी। टीईटी का परिणाम आने के साथ ही इस पर सवाल
उठाए जाने लगे हैं।
दरअसल
परिणाम आने पर ऐसे अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या निकली है जिनकी अर्हता
परीक्षाओं में रैंक तो बहुत अच्छी है परंतु टीईटी में रैंक पिछड़ गई है। वे
चाहते हैं कि विशिष्ट बीटीसी की तरह ही शिक्षकों की नियुक्तियां हों।
सवाल पूछते हैं जवाब
1.
टीईटी शिक्षक पात्रता तय करने वाली परीक्षा है, न कि शिक्षक पद पर
नियुक्ति की परीक्षा। जैसे नेट डिग्री शिक्षक होने की पात्रता तय करता है, न
किअभ्यर्थी की मेरिट से नियुक्ति का अधिकार देता है।
2. एक ही जैसी परीक्षा से डिग्री, माध्यमिक व प्राथमिक की नियुक्ति प्रक्रियाअलग-अलग कैसे हो सकती है?
3.
यूपी बोर्ड द्वाराकरायी गयी टीईटी की मेरिट के आगे उसी की हाईस्कूल व
इंटरमीडिएटपरीक्षा तथा स्नातक व बीएड परीक्षा के प्राप्तांकों का कोई मतलब
नहीं रहेगा? इन डिग्रियों को कैसे नकारा जा सकता है?
4.
कुछ केंद्रों की टीईटी परीक्षा निरस्त करने से संकेत मिलता है कि प्रदेश
मेंकई और केंद्रों पर भी नकल हो सकती है। ऐसे में जिस मेरिट से सीधे नौकरी
देने की कवायद हो रही है वह कितनी विश्वसनीय है?
5. जब केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय टीईटी मेरिट से नियुक्ति नहीं दे रहे हैं? तो राज्य यह व्यवस्था कैसे लागू कर सकते है?
6. सिर्फ टीईटी के माध्यम से ही नियुक्ति देने से क्या बीटीसी प्रशिक्षण का महत्व खत्म नहीं हो जाएगा?
7.
जब टीईटी के विज्ञापन में नियुक्ति प्रक्रिया प्रकाशित नहीं की गयी थी तो
उसे नियुक्ति का विज्ञापन कैसे माना जा सकता है? पात्रता परीक्षा नियुक्ति
के लिए पात्र बनाती है न कि दावेदार। नियुक्ति प्रक्रिया अलग से होनी
चाहिए। मेरिट में पूर्ववर्ती परीक्षाओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
हमारे एकार्डिंग इसकी मेरिट के वेटेज अंक दिये जाने
चाहिए। नियुक्ति प्रक्रिया समग्रता से तय होनी चाहिए।
Wednesday, 6 February 2013
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