COURT NO 33
CASE NO 20. DF 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C. C.B.YADAV
शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा गूंजा
UPTET : शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा गूंजा
नेता सदन ने कहा, घोषणापत्र में किए वादे पूरे करेंगे
लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा विधान परिषद में उठाया। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों को लेकर गंभीर है। घोषणापत्र में उनके लिए किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।
शून्य काल में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह, हृदय नारायण दीक्षित, डॉ यज्ञदत्त शर्मा, केदारनाथ सिंह और डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में तैनात होने वाले शिक्षामित्रों की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है। प्रदेश सरकार ने स्नातक या उससे ऊपर योग्यता रखने वाले शिक्षामित्रों को बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया। शिक्षा मित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग चल रही है। नेपाल सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षा मित्रों को टीईटी पास न होने के कारण शिक्षक के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा रही है वहीं उन्हें टीईटी में बैठने का अवसर ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि एक दशक से काम कर रहे शिक्षा मित्र अब कहीं नौकरी पाने के योग्य नहीं। इन शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया जाए। अहमद हसन ने कहा कि राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान और निदेशक बेसिक की आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी
UPTET : शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा गूंजा
नेता सदन ने कहा, घोषणापत्र में किए वादे पूरे करेंगे
लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को शिक्षा मित्रों को स्थायी करने का मुद्दा विधान परिषद में उठाया। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों को लेकर गंभीर है। घोषणापत्र में उनके लिए किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।
शून्य काल में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह, हृदय नारायण दीक्षित, डॉ यज्ञदत्त शर्मा, केदारनाथ सिंह और डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में तैनात होने वाले शिक्षामित्रों की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है। प्रदेश सरकार ने स्नातक या उससे ऊपर योग्यता रखने वाले शिक्षामित्रों को बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया। शिक्षा मित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग चल रही है। नेपाल सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षा मित्रों को टीईटी पास न होने के कारण शिक्षक के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा रही है वहीं उन्हें टीईटी में बैठने का अवसर ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि एक दशक से काम कर रहे शिक्षा मित्र अब कहीं नौकरी पाने के योग्य नहीं। इन शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया जाए। अहमद हसन ने कहा कि राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान और निदेशक बेसिक की आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी
UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की हलचल में गुम हो गया टीईटी
UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की हलचल में गुम हो गया टीईटी
राज्य मुख्यालय, प्रमुख संवाददाता। पिछले वर्ष अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) नहीं हो पाई। टीईटी 2013 को लेकर भी अभी विभाग में कोई हलचल नहीं है। कारण यह कि टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों की सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर भर्ती प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। लिहाजा विभाग चाह रहा है कि ये भर्तियां होने के बाद ही टीईटी की अगली परीक्षा प्रदेश में कराई जाए। सूत्रों के मुताबिक, आला अधिकारी चाहते हैं कि टीईटी 2011 के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद में भर्तियां हो जाएं तो ही अगली टीईटी करवाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। हालांकि पिछले वर्ष कई बार विभाग ने प्रस्ताव मंगवाया, इस पर बैठकें भी हुईं लेकिन भर्तियां न हो पाने के चलते इस प्रक्रिया में गति नहीं आ पाई। शिक्षा का अधिकार एक्ट (आरटीई) के तहत टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही कक्षा एक से आठ तक पढ़ा सकेंगे। इसी के चलते 2011 नवम्बर में प्रदेश सरकार ने टीईटी करवाया। टीईटी 2011 में लगभग पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने कक्षा एक से पांच तक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। लेकिन इसके आधार पर केवल साढ़े तीन हजार भर्तियां ही अभी तक हुई हैं। ये भर्तियां बेसिक शिक्षा परिषद में वशििष्ट बीटीसी, बीटीसी व उर्दू में प्रवीणताधारी उपाधि रखने वाले अभ्यर्थियों की हुई हैं। हालांकि जिन 72,825 पदों को भरने के लिए राज्य सरकार ने आनन-फानन में ये परीक्षा करवाई, वे पद आज तक भर नहीं पाए हैं। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है। हालांकि टीईटी उत्तीर्ण अध्यापक का नियम सरकारी, सहायताप्राप्त और यहां तक कि प्राइवेट विद्यालयों पर भी लागू होगा। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भर्तियों का मामला जहां हाईकोर्ट में है वहीं सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल के लिए कुछ महीने पहले ही नियमावली में संशोधन किया गया है। सम्बद्ध प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा से संचालित कक्षा आठ तक के लिए भी नियमावली में टीईटी उत्तीर्ण का संशोधन नहीं किया गया है। प्राइवेट स्कूलों में इसे लागू करने के लिए कोई आदेश नहीं जारी हुए। लिहाजा टीईटी 2011 के अभ्यर्थी ही अभी तक रोजगार की राह तक रहे हैं
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