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Monday, 10 June 2013

सर्व शिक्षा अभियान में 8913 करोड़ मंजूर


51 फीसदी ने किया बीएड से किनारा
टीईटी पास करने की बाध्यता और शिक्षकों की नियुक्ति की रुकी हुई प्रक्रिया अभ्यर्थियों की बेरुखी का कारण हो सकती है!

सर्व शिक्षा अभियान में 8913 करोड़ मंजूर , 1497 प्राइमरी, 237 उच्च प्राइमरी को मंजूरी नहीं
लखनऊ। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य सरकार के प्रस्ताव पर 8913 करोड़ रुपये की मंजूरी देते हुए सहमति भेज दी है। पर यूपी में 1497 प्राइमरी, 237 उच्च प्राइमरी और 14 आवासीय स्कूलों को मंजूरी नहीं दी गई है।
... राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए 11 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। इसमें मुख्य रूप से शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 करने, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने, परिषदीय स्कूलों के बच्चों को यूनिफॉर्म के साथ जूते व मोजे देने, आश्रयहीन बच्चों के लिए आवासीय स्कूल खोलने और नक्सल प्रभावित जिलों के शिक्षकों को 1500 रुपये प्रति माह प्रोत्साहन भत्ता देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने 6 से 10 वर्ष तक के बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए 30758 लाख और 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए 33684 लाख रुपये मंजूर किए हैं।
मुफ्त यूनिफार्म देने के कपड़े का तय होगा मानक
केंद्र ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर भेजी मंजूरी

बीएड पत्राचार वालों को मिलेगा मौका
लखनऊ। वर्ष 2004 में पत्राचार के जरिए बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को अब विशिष्ट बीटीसी में ट्रेनिंग करने का मौका मिल सकेगा। इस बाबत शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, वर्ष 2004 में पत्राचार के माध्यम से बीएड करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने विशिष्ट बीटीसी की भर्ती में आवेदन किया था। लेकिन उन्हें बाहर कर दिया गया था। जिसके बाद अभ्यर्थी उच्च न्यायालय की डबल बेंच की शरण में चले गए थे। उच्च न्यायालय ने इन अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल करने के निर्देश दिए थे। लेकिन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चला गया था। वहां भी डबल बेंच के निर्णय को ही स्थित रखने का आदेश हो गया। फिर भी राज्य सरकार ने इन अभ्यर्थियों को न ट्रेनिंग करवाई और न ही काउंसिलिंग। अब उच्च न्यायालय ने अप्रैल-2013 में इन अभ्यर्थियों पर निर्णय लेने केआदेश दिए। उसके बाद एसीईआरटी ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया था। जिस पर शासन ने आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में पत्राचार के जरिए बीएड करने वालों को विशिष्ट बीटीसी में ट्रेनिंग पाने का मौका मिल सकेगा।

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