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Sunday, 31 March 2013

uptet news of 1 april 2013


उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक हटवाने को कोर्ट में तर्क देगी
tet
लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर से रोक हटवाने के लिए हाईकोर्ट की वृहद पीठ में संशोधित अध्यापक भर्ती नियमावली पेश करेगी। साथ ही अदालत को यह भी बताएगी कि टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक मेरिट क्यों किया गया। यही नहीं राज्य सरकार का इरादा टीईटी की जांच रिपोर्ट पेश करने का भी है। बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि उसके तर्कों से हाईकोर्ट संतुष्ट होकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे सकता है। शिक्षक भर्ती मामले में 3 अप्रैल को सुनवाई होने की उम्मीद है। कोर्ट यह तय करेगा कि शिक्षक भर्ती के लिए अपनाई गई प्रक्रिया ठीक है या नहीं।
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। राज्य सरकार इसे देखते हुए टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को सीधे सहायक अध्यापक रखना चाहती है। इसके लिए 72,825 पदों के लिए विज्ञापन निकाल कर आवेदन मांगे गए। इन पदों के लिए 69 लाख आवेदन आए। बेसिक शिक्षा विभाग ने मेरिट सूची में आए अभ्यर्थियों की 4 फरवरी से काउंसलिंग भी शुरू करा दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट में पहले डबल बेंच में शिक्षक भर्ती संबंधी मामले की सुनवाई हो रही थी। शिक्षक भर्ती में टीईटी को लेकर उठे सवालों को लेकर पूरा ब्यौरा हाईकोर्ट ने मांगा था। विभाग ने डबल बेंच को पूरी जानकारी दी थी, लेकिन अब यह मामला वृहद पीठ के हवाले कर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग अब इसके आधार पर वृहद पीठ के समक्ष पूरा मामला रखेगा। इसमें बताया जाएगा कि शिक्षक भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा अध्यापक नियमावली बदली गई है। नियमावली में शैक्षिक मेरिट को आधार बनाया गया है। टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा माना गया है। यह भी बताया जाएगा कि टीईटी में गड़बड़ी की जांच रमाबाई नगर की पुलिस ने की थी। इस जांच के आधार पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित कमेटी भी जांच कर चुकी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है

आज 1 अप्रैल 2013 से बच्चों को होगा शिक्षा का पूरा अधिकार
•अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। आज से देश के हर बच्चे को अपने घर पड़ोस में निशुल्क प्राथमिक शिक्षा पाने का अधिकार होगा। केंद्र व राज्य सरकारों का यह दायित्व होगा कि वे 6 से 14 साल की उम्र के हर बच्चे को प्रवेश के लिए पर्याप्त स्कूल, शिक्षक तथा अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए।
देश में शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) को लागू करने के बाद सरकारों की जरूरी संसाधन जुटाने के लिए तीन साल की मोहलत दी गई थी, जो पूरी हो गई है, लेकिन तमाम उपाय अब भी अधूरे हैं। स्कूलों में 11 लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं तो आठ लाख से ज्यादा शिक्षक अप्रशिक्षित हैं। हजारों निजी स्कूलों को अभी तक मान्यता नहीं मिली है, जिन्हें नए कानून के अनुसार अब बंद करना होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारें बच्चों को संविधान व कानून के हिसाब से उनका अधिकार कैसे दिला पाएंगी।
स्कूली शिक्षा को संवैधानिक अधिकार के लिए वर्ष 2002 में 86वें संविधान में अनुच्छेद 21-ए जोड़ा गया था। तब से दस साल गुजर गए। पहले सर्वशिक्षा अभियान चलाया गया। फिर राइट टू एजूकेशन बिल के माध्यम से इस अधिकार को अप्रैल 2010 में लागू किया गया। बच्चों को शिक्षा के अधिकार का प्रस्ताव तीन साल के लिए स्थगित रखा गया था ताकि सभी सरकारें जरूरत के मुताबिक स्कूल, शिक्षा व अन्य तैयारियां पूरी कर सकें।
आरटीई कानून में किए गये कई महत्वपूर्ण फैसलों पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। सबसे बड़ा संकट देश के उन बड़े राज्यों के सामने है जो पहले से शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए थे। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं।
पूरे देश में सरकारी तथा सहायता प्राप्त स्कूलों में 11.87 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें से तीन लाख से ज्यादा सीटें अकेले यूपी में खाली हैं।
आरटीई में सभी शिक्षकों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। देश में 8.6 लाख शिक्षक अप्रशिक्षित हैं। इनके प्रशिक्षण के लिए तीन साल में अभी तक नीतियां भी नई तय हो पाई हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने फिर से 13 राज्यों को अप्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती करने की छूट दे दी है। हर स्कूल में मैनेजमेंट कमेटी बनाने का प्रस्ताव है। आठवीं तक बच्चों को फेल न करने का फैसला तो लागू हो गया है, लेकिन बृहत्तर एवं सतत मूल्यांकन प्रणाली (सीसीई) कहीं शुरू नहीं हो सकी है। अलबत्ता कई राज्यों में शिक्षकों को अभी तक इस प्रणाली की जानकारी तक नहीं है।
आरटीई के तहत इसी तरह के एक दर्जन अन्य फैसलों पर भी तमाम राज्यों में कोई काम नहीं हुआ है। कुछ राज्यों ने आरटीई को प्रभावी करने के लिए एक साल की मोहलत मांगी थी, किंतु मानव संसाधन मंत्रालय ने इसे टाल दिया। अब दो अप्रैल को केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा होगी। बैठक के बाद ही केंद्र सरकार अधूरी तैयारियों के लिए आगे और मोहलत पर कोई फैसला लेगी।
11
लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद पड़े हैं खाली देशभर में
क्या है प्रावधान
छह से 14 साल के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान
बच्चों को फीस नहीं देनी होगी, न ही यूनिफॉर्म, किताबें या ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च करना होगा
हर 60 बच्चों को पढ़ाने के लिए कम से कम दो ट्रेंड शिक्षक रखना होगा
निजी शैक्षणिक संस्थानों में गरीब परिवारों के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित

टीईटी अभ्यर्थियों को किया जा रहा है परेशान
अमर उजाला
देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की साप्ताहिक बैठक रविवार को टाउनहाल परिसर में हुई। बैठक में न्यायालय को गुमराह करने और संघर्ष मोर्चा की मांगों को यूपी सरकार के दरकिनार किए जाने पर नाराजगी जताई गई। इसके लिए मोर्चा को संगठितहोकर संघर्ष करने पर बल दिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष अनुराग मल्ल ने कहा कि राज्य सरकार बार-बार कोर्ट को गुमराह कर रही है और भर्ती प्रक्रिया को लंबित रखना चाहती है।राज्य सरकार के इस रवैये के खिलाफ प्रदेश के सारे टीईटी अभ्यर्थी पुन: सड़क पर उग्र आंदोलन करेंगे और विधानसभा के सामने धरना देंगे। बैठक में विकास पांडेय, शैलेष मणि, रघुबंश शुक्ला, शमशेर अहमद, हरेंद्रपुरी, मनोज सिंह, बालेंदु तिवारी और राजेश त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया।
•लखनऊ में धरना देने की चेतावनी

Friday, 29 March 2013

nrhm


uptet
30 कॉलेजों में बीएड की फीस अब 73 हजार
कानपुर(ब्यूरो)। छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के अन्य राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध तीस निजी डिग्री कॉलेजों की याचिका पर सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने बीएड की फीस 73,000 रुपये तय कर दी है। ये फीस शैक्षिक सत्र 2013-14 से वसूली जाएगी। हाईकोर्ट ने यह भी दिशा-निर्देश दिया है कि शासन से निर्धारित 51,250 रुपये फीस ही बीएड कॉलेज संचालक अपने पास रख सकेंगे। बढ़ी फीस (21750 रुपये ) का डिमांड ड्राफ्ट संबंधित यूनिवर्सिटी में रखना होगा। लखनऊ हाईकोर्ट का आदेश छह मार्च 2013 को आया है। इसका लाभ वही कॉलेज उठा सकेंगे, जिनकी याचिका पर फैसला किया गया है।
बीएड के ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट 2013-14 के आयोजन की जिम्मेदारी गोरखपुर यूनिवर्सिटी को सौंपी गई है। ये टेस्ट 24 अप्रैल को प्रस्तावित है। इससे पहले ही करीब तीस बीएड कॉलेज संचालक फीस बढ़ोतरी के मुद्दा को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए। तर्क दिया कि शासन से निर्धारित 51,250 रुपये फीस कम है। इससे कॉलेज का खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में फीस बढ़ाई जानी चाहिए। इस मामले की सुनवाई जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अदालत में हुई। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस ने आदेश दिया कि याचिका दाखिल करने वाले कॉलेज 66,000 रुपये ट्यूशन फीस, 4,000 रुपये कैंपस शुल्क, 2,000 रुपये स्टूडेंट वेलफेयर फीस और 1,000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस ले सकते हैं। हालांकि संबंधित कॉलेज अपने पास शासन से निर्धारित फीस ही रखेेंगे। हाईकोर्ट ने इस पर शासन को भी दिशा-निर्देश दिए हैं। इसमें कहा है कि डिग्री कॉलेजों के खर्च का आकलन करके फीस नए सिरे से तय की जाए। जितना खर्च आए, उतनी फीस निर्धारित की जाए। यदि फीस कम बैठती है तो अतिरिक्त फीस (यूनिवर्सिटी में के पास मौजूद बढ़ी फीस) संबंधित स्टूडेंट को वापस कराई जाए।
वम्बर-दिसम्बर में होगी यूपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा

नई दिल्ली (एजेंसी)। आयोग (यूपीएससी) की ओर से जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि इस साल सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा नवम्बर या दिसम्बर महीने में होगी। मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन अगस्त या सितम्बर माह में मंगवाए जाएंगे। सिविल सेवा परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिकसेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति करने वाली यूपीएससी की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि 26 मई 2013 को होने जा रही सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के कार्यक्रम तथा स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौरतलब है कि प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को ही मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है।
फॉर्म में गलत दी जानकारी तो भी मिलेगा सुधार का मौका

नई दिल्ली (ब्यूरो)। सीटीईटी (सेंट्रल टीचर एलिजिबेलिटी टेस्ट) के फॉर्म में कोई गलत जानकारी दे दी है तो उम्मीदवार उसमें सुधार कर सकते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही सुधार का अवसर देने जा रहा है। इससे पहले उम्मीदवारों की प्रोविजनल जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें वह सभी जानकारी होगी जो उन्होंने आवेदन पत्र में भरा है। अगर उम्मीदवार इसमें कोई गलती पाते हैंतो वह ऑनलाइन ही सुधार कर सकते हैं।
सीबीएसई के अनुसार, आवेदन प्रक्रिया अभी जारी है। वेबसाइट पर 15 जून से एप्लीकेशन का स्टेटस उपलब्ध कराया जाएगा। यदि साइट पर यह स्टेटस ना आए तो उम्मीदवारों को 16 जून को सीबीएसई से संपर्क करना होगा। ऑनलाइन सुधार करने की सुविधा उम्मीदवारों को 16 जून से ही दी जाएगी। यह सुविधा 27 जून तक मिलेगी। उम्मीदवार तीन जुलाई से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। सीबीएसई का मानना है कि उम्मीदवारों की सुविधा के लिए ही साइट पर भी उनके फॉर्म से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
सीटीईटी
•16 से 27 जून तक कर सकेंगे सुधार
 NRHM Samvida Recruitment in UP : आशीर्वाद योजना का हाल, 31 मार्च के पहले होना है चयन, चार अप्रैल तक चलेगा इंटरव्यू
संविदा भर्ती प्रक्रिया फिर संदेह के घेरे में

इन पदों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया

रायबरेली। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत पूर्व में संदेह के घेरे में होने के कारण निरस्त हुई बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना (आशीर्वाद) की संविदा भर्ती की प्रक्रिया पर फिर काले बादल छा गए हैं। विज्ञप्ति के अनुसार विभाग को 31 मार्च से पहले भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लेना है। वहीं सीएओ का कहना है िक चार अप्रैल तक इंटरव्यू का काम ही चलेगा।
शासन ने आदेश दिए हैं कि पूर्व में भर्ती हो चुके चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की संविदा को अगले वित्तीय वर्ष में भी नवीनीकरण करके योजना को आगे बढ़ाया जाएगा लेकिन यहां तो अभी भर्ती प्रक्रिया ही चल रही है तो किस आधार पर अगले वित्तीय वर्ष के लिए संविदा का नवीनीकरण हो सकेगा।
स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने के लिए सितंबर 2012 से बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना के लिए संविदा पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। मानकों को ताक पर रखकर और पदों के सापेक्ष आरक्षण तय न होने के कारण सीडीओ डॉ. अख्तर रियाज ने भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था। इंटरव्यू में भी मानकों को ध्यान में नहीं रखा गया था। एक फरवरी से रायबरेली को छोड़कर सूबे के सभी जिलों में बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना शुरू कर दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने 69 पदों के लिए दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी।
विभाग ने विज्ञापन जारी कराकर आवेदन पत्र मांगते हुए शर्त भी लागू की कि संविदा भर्ती 31 मार्च 2013 तक के लिए ही होगी। 22 फरवरी तक आवेदन पत्र लेने के बाद इंटरव्यू का काम 12 मार्च के बाद शुरू किया गया। अभी तक इंटरव्यू का काम पूरा नहीं हो सका है। चार अप्रैल तक इंटरव्यू के बाद संविदा भर्ती की सूची जारी की जाएगी। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किया है कि एनआरएचएम की योजनाएं वित्तीय वर्ष 2013-14 में भी जारी रहेंगी। जिन पदों की संविदा भर्ती हो चुकी हैं उनकी संविदा का नवीनीकरण करके योजनाओं को अगले वित्तीय वर्ष में जारी रखने के आदेश दिए गए हैं।

News Source : अमर उजाला ब्यूरो / Amar Ujala Epaper ( 30.3.2013)
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Staff Nurse : स्टाफ नर्स को हुए साक्षात्कार

अमरोहा। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर 27 संविदा स्टाफ नर्स की भर्ती को साक्षात्कार हुआ। स्टाफ नर्सों का चयन कर लिया गया है। तैनाती पर डीएम की मुहर लगना बाकी रहा है। शुक्रवार को एडीएम डा. कंचन सरन की अध्यक्षता में हुए साक्षात्कार में 51 अभ्यार्थी शामिल रहे। डीएम की मुहर लगने के बाद तीस मार्च यानी स्टाफ नर्साें को अस्पतालों में नियुक्ति होगी। साथ ही 30 अप्रैल को इनका रिन्युअल होगा। चयन समिति में सीएमओ, एसीएमओ डा. अजय वर्मा और दो निजी डाक्टर शामिल रहे। सीएमओ के मुताबिक 27 स्टाफ नर्स का चयन कर लिया गया है। तैनाती पर डीएम की मुहर लगने के बाद शनिवार को अस्पतालों में ज्वाइनिंग दिलाई जाएगी

RTE News : Most states to miss March 31 deadline for compliance with Right to Education Act

RTE News : Most states to miss March 31 deadline for compliance with Right to Education Act

TEACHER ELIGIBILITY TEST / RTE NEWS : -

PUBLISHED IN MOST POPULAR NEWS PAPER OF INDIA : TIMES OF INDIA

Most states are likely to miss the March 31 deadline for compliance with the Right to Education Act.

NEW DELHI: On Monday, when the deadline for compliance with the Right to Education (RTE) Act expires, children will get a short shrift again. Government data shows about 40% primary schools don't have adequate teachers, 33% are without girls' toilets and 39% lack ramps for children with disabilities.

With the enactment of the Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act in 2009 all states and Union Territories were expected to comply with the norms by March 31, 2013 — a deadline that most states will miss. These norms included optimum pupil-teacher ratio, infrastructure rules like adequate drinking water, toilets, stipulated working days and instruction hours and establishment of school management committees.

Of the 52 lakh sanctioned posts of teachers, there are 11 lakh vacancies. Besides shortage, states are also battling the malaise of untrained or under-qualified teachers that is pegged at around 8.6 lakh or 20% of the total teachers. The states with the bulk of these teachers is West Bengal (1.97 lakh), Bihar (1.86 lakh) and Jharkhand (77,000). Infrastructure norms for drinking water (94% of schools) and ramps (in 61% of schools) have been complied with, while 64% schools have separate toilets for girls and boys.

States have sought an extension in the deadline as they flounder due to lack of adequate resources and political will. But experts point to a more worrying concern: the lack of attention to learning outcomes. Several studies, including the ASER survey 2012, say that while enrolment has increased and more children are going to school, learning levels have dipped.

Noting that over three lakh private budget schools face closure after March 31 — the deadline for meeting infrastructure requirements under the Act, impacting 4-5 crore students — Ashish Dhawan from Centre Square Foundation said private school regulation should be based on audited performance rather than input-based norms.

Educational Initiatives' SridharRajagopalan said that regular and third party measurement of learning was required. Giving the example of Gujarat that organizes an annual assessment for student learning called `Gunatsav', Rajagopalan said that students were assessed by teachers in the first round and then 25% randomly picked schools were assessed by ministers and senior officials led by CM NarendraModi.

Accountability Initiatives' Yamini Aiyer pointed out that learning outcomes had to become part of the states' and Centre's goals. She also underlined the importance of the school management committees and greater involvement of parents in running a school.

Civil society representatives said that a large number of low-fee private schools faced closure because of undue emphasis on infrastructure issues rather than learning outcomes.


News Source / Sabhaar : timesofindia.indiatimes.com (Himanshi Dhawan, TNN | Mar 29, 2013, 01.42 AM IST) /
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TET Marks can be used for selection or not ?

Debate : TET Marks can be used for selection or not ?
At this time base of selection is highly debatable - Whether TET Marks can be used for selection OR not ?

I found on - Administration of the Union Territory of Lakshadweep
(Directorate of Education)
Kavaratti – 682 555

Following Selection Procedure -
(At many places weightage of TET marks used in selection)
uptet

Thursday, 28 March 2013

graduate will make teacher without b.ed

स्नातक बनेंगे टीचर,बीएड बाद में करेंगे

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में खाली पडे शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए अब 13 राज्यों को विशेष छूट प्रदान की है। इन राज्यों में बीटीसी अथवा बीएड का कोर्स कर चुके बेरोजगारों के अलावा सामान्य स्नातक भी टीईटी (शिक्षक योग्यता परीक्षा) पास कर शिक्षक बन सकेंगे।

अभी तक केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारो को ही टीईटी परीक्षा में शामिल होने की छूट थी। उल्लेखनीय है सर्वशिक्षा अभियान के तहत देश में लगभग बीस लाख शिक्षकों के नए पद सृजित हुए थे। इनमें से 12 लाख से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन सात लाख पद अभी भी रिक्त हैं, जबकि पहली अप्रैल से पूरे देश में आरटीई एक्ट प्रभावी हो जाएगा।

मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने बताया इस समस्या को दूर करने के लिए 13 राज्यों में अप्रशिक्षित सामान्य ग्रेजुएट को भी टीईटी परीक्षा में शामिल होने तथा परीक्षा पास करने पर सीधे शिक्षक नियुक्त करने की छूट दे दी गई है। छूट पाने वाले इन राज्यों में ही सर्वाधिक छह लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक बिहार में 2,05,378 तथा उत्तर प्रदेश में 1,59,087 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनके अलावा जिन राज्यों में स्नातकों को सीधे शिक्षक पद पर भर्ती की छूट दी गई है उनमें हिमाचल प्रदेश में 2203, उत्तराखंड में 9270, पश्चिम बंगाल में 61,623 तथा मध्य प्रदेश 79,110 पद रिक्त हैं।

शिक्षकों की पात्रता में छूट पाने वाले अन्य राज्यों में झारखंड तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं। नौकरी मिलने के बाद इन प्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने देश में 19 स्थानों पर कॉलेज ऑफ टीचर्स एजूकेशन (सीटीई) की स्थापना भी करने का फैसला लिया है। यहां पर सबसे पहले नई भर्ती वाले शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया जाएगा


News Source : News4Education.com ( 28.3.13)
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Teacher Eligibility Test News  : 13 राज्यों में शिक्षकों की नियुक्ति के नियम में रियायत
EXCLUSIVE BREAKING NEWS - RTE

नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वशिक्षा अभियान के लिए शिक्षकों की भर्ती के लिए अहर्ता में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में छूट की मांग करने वाले 13 राज्यों का आग्रह स्वीकार कर लिया।

जिन राज्यों ने इस आशय की मंजूरी मांगी थी उनमें असम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

न्यूनतम योग्यताओं में रियायत का अनुरोध इसलिए किया गया है, क्योंकि बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम-2009 तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 12वीं योजना के दौरान देश में अध्यापक शिक्षा को बढिया बनाने के लिए 6,300 करोड़ रुपये से अधिक राशि की परियोजना को मंजूरी दी है।

संशोधित योजना के मुख्य अवयव हैं शिक्षा और प्रशिक्षण संबंधी नए जिला संस्थानों (डीआईईटी), अध्यापक शिक्षा कॉलेजों (सीटीई) और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन की संस्थाओं (आईएएसई) के गठन के साथ-साथ मौजूदा डीआईईटी, सीटीई और आईएएसई को मजबूत करना शामिल हैं।

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक बहुल 196 जिलों में खंड स्तर पर अध्यापक शिक्षा संस्थाओं (बीआईटीई) की स्थापना भी शामिल हैं।

इसके अलावा, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने उपरोक्त राज्य सरकारों को सेवारत 5 लाख से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए प्रशिक्षण की भी अनुमति दी
माध्यमिक शिक्षा सचिव का वेतन रोकने की चेतावनी
पूरे प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्तियों का फर्जीवाड़ा
तीन साल से स्वीकृत पदों का अंतिम निर्धारण नहीं हो सका

इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सचिव, माध्यमिक शिक्षा उ.प्र. का वेतन रोके जाने की चेतावनी दी है, यदि कोर्ट के निर्देशानुसार 29 अप्रैल 2013 तक उ.प्र. एक्ट नम्बर 24/1971 के तहत पूरे प्रदेश में मान्यता प्राप्त एवं अनुदानित माध्यमिक विालयों में शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के स्वीकृत पदों का अंतिम निर्धारण करके सूची कोर्ट को सौंप नहीं दी जाती।
न्यायमूर्ति अरुण टंडन की एकलपीठ ने ध्रुव नारायण सिंह बनाम उ.प्र. एवं अन्य की याचिकाओं पर सुनावाई के दौरान जब माध्यमिक शिक्षा सचिव द्वारा स्वीकृत पदों के अंतिम निर्धारण के लिए वक्त मांगा तो पीठ ने उक्त आदेश पारित करते हुए तल्ख टिप्पणी की कि पिछले तीन साल से इस पीठ के समक्ष यह मामला लटकाया जा रहा है। प्रदेश शासन कभी इस बहाने कभी उस बहाने सिवाय समय मांग कर मामला लटकाए रखने के कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है और आज की तिथि तक अंतिम निर्धारण नहीं कर सकी कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत मान्यता प्राप्त एवं अनुदानित विालयों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के कितनेस्वीकृत पद हैं।
सरकारी वकील ने अंतिम अवसर दिए जाने का अनुरोध किया जिस पर कोर्ट ने 29 अप्रैल 2013 की तिथि निर्धारित की तथा कहा कि यदि इस तिथि तक प्रदेश शासन ने स्वीकृत पदों का अंतिम निर्धारण करके सूची कोर्ट को नहीं सौंपी तो कोर्ट के समक्ष सचिव, माध्यमिक शिक्षा का वेतन रोके जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं हो सकता।
आरोप है कि पूरे प्रदेश में अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त माध्यमिक शिक्षण संस्थाओं में अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति करके राजकीय खजाने को प्रतिमाह करोड़ों रुपयों की चपत लगाई जा रही है जिसे विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पकड़ लिया है। दरअसल बलिया में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विालयों में 12 करोड़ के जीपीएफ घोटाले का संज्ञान लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को 13 दिसंबर 2010 को अपना व्यक्तिगत हलफनामा देने का निर्देश देते हुए जवाब तलब किया गया था कि वे बताएं कि बलिया में जीपीएफ खाते से किस उद्देश्य के लिए धनराशिनिकाली गई और किसने यह धनराशि निकाली। एकलपीठ ने यह भी पूछा था कि इसमें से कितनी धनराशि का नगद भुगतान किया गया तथा जीपीएफ की बकाया धनराशि का संबंधित व्यक्ति को नगद भुगतान किया गया अथवा उसके बैंक खाते में हस्तांतरित किया गया।

Wednesday, 27 March 2013

haseen sapne sabit ho sakti hai BED BHARTi


 हसीन सपने हो सकती है बीएड भर्ती’’

tet, uptet, this a blog relatd to uptetप्राथमिक विद्यालयों में 72 हजार सहायक अध्यापकों के लिए बी0एड0 डिग्री धारकों के लिए यह नौकरी मुंगेरीलाल के हसीन सपने बनती नजर आ रही है। लगभग एक वर्ष से नौकरी की आस लगाये इन युवा बेरोजगारों के चेहरों पर बुढापे की झलक दिखाई दे रही है। जहां पूर्व की भर्ती में मेरिट के माध्य से भर्ती होती थी उसमें ‘‘मेरिट में हीरो लेकिन नालेज में जीरो का फार्मूला खूब चला। किन्तु टीईटी परीक्षा से सारा दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर दिया था। फिर भी भारी हेरा फेरी के चलते इसका परीक्षा परिणाम न्यायालय की चौखट पर पहुंच गया तथा कई वरिष्ठ शिक्षाधिकारी भी जेल की हवा खा रहे हैं।
जब टीईटी की लिखित परीक्षा में भारी हेराफेरी हुई तो सरकार ने उसे निरस्त क्यों नहीं किया? उसमें भी हीरो और जीरो का जरूर खेल चला। फिर न्यायालय के दोहरे आदेश से भर्ती प्रक्रिया और गंभीर धर्म संकट में फंस गई। जहां न्यायालय में बगैर टीईटी वालों को विशिष्ट बीटीसी चयन सूची में शामिल करने का आदेश दिया तो वहीं उच्च योग्यताधारी टीईटी पास बीएड धारकों के जमीन खिसक गयी। अर्थात इस भर्ती प्रक्रिया में बेरोजगारों में गुटबंदी हो गयी।
 
अब मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है और टीईटी पास तथा गैर टीईटी पास बीएड बेरोजगार सुप्रीम कोर्ट की अन्तिम बैंच तक लड़ते रहेंगे तथा उपरोक्त 72 हजार अध्यापकों की भर्ती मुंगेरीलाल के हसीन सपने बन कर रहेगी।

.अनुदेशक भर्ती : ब्लाकवार आरक्षण पर प्रदेश स्तरीय मेरिट का पेंच


FARRUKHABAD : वर्तमान में शासन द्वारा 41000 अशंकालिक अनुदेशकों की भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन किये जा रहे है, इस सम्‍बन्‍ध में अधिकांश अभ्‍यिर्थयों की शिकायतों का निस्‍तारण करना टेड़ी खीर हो रहा है, जबकि  शासन/विभाग द्वारा प्रदत्‍त गाइड लाइन पर्याप्‍त मात्रा में नही है, जिससे अभ्‍यर्थी को सतुंष्‍ट किया जा सके। आशिंक शिकायतों के सम्‍बन्‍ध में संक्षिप्‍त विवरण इस प्रकार है -
1- शासन द्वारा प्रदत्‍त निर्देश के क्रम में अनुदेशकों की भर्ती जनपद स्‍तर पर अभ्‍यर्थियों के प्राप्‍त प्रतिशत के अंकों के औसत के आधार पर अवरोही क्रम में मेरिट बनाकर की जानी है, परन्‍तु ऑन लाइन आवेदन करते समय ब्‍लाक का कॉलम खुलकर आता है जिसमें स्‍पष्‍ट लिखा हुआ है कि जिस ब्‍लाक/नगरक्षेत्र के निवासी है, उस पर क्लिक करें, जिससे अभ्‍यर्थी में संशय की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई है, अधिकांश अभ्‍यर्थी नगर क्षेत्र के निवासी है, और रिक्तियों की संख्‍या ब्‍लाकों में अधिक है। अभ्‍यर्थियों द्वारा यह शंका जाहिर की जा रही है कि क्‍या मेरिट ब्‍लाकवाइज रिक्तियों के आधार पर बनेगी या ब्‍लाक में निवासी को वरीयता प्रदान होगी, इसका जबाव फिलहाल में निश्चितता के साथ नहीं दिया जा सकता है।
  2- अभ्‍यर्थियों द्वारा कहा जा रहा है कि शैक्षिक योग्‍यता में बी0एस0सी0 कम्‍प्‍यूटर साइन्‍स, बी0सी0ए0 या डोयेक से ए लेबल प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है, यदि किसी अभ्‍यर्थी ने एम0सी0ए0 किया है या राजकीय संस्‍थानों से कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा किया है, उनके लिए रास्‍ता अत्‍यन्‍त कठिन हो गया है, इस सम्‍बन्‍ध में अभ्‍यर्थी अपना रिस्‍क लेकर फार्म भरने का प्रयास कर रहा है। समकक्ष योग्‍यता निर्धारित न होने से उक्‍त अभ्‍यर्थी परेशान है।
3-जिन अभ्‍यर्थियों द्वारा कला/ग्रह विज्ञान/गृह अर्थशास्‍त्र आदि निहित विषय में एक विषय से इण्‍टरमीडिएट उत्‍तीर्ण किया हो, उसकी प्रतिशत का आकलन किस आधार पर किया जायेगा, सम्‍पूर्ण 05 विषय सहित या एक विषय के आधार पर। इसका जबाव शायद अभी नहीं मिल पा रहा है।
4-शैक्षिक योग्‍यता के आधार पर आयु का आकलन 21 से 35 वर्ष किया गया है, जो कि उचित प्रतीत नहीं हो रहा है, जिसमें कई अभ्‍यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से से वंचित हो रहे है।
5-ऑन लाइन आवेदन में मूल निवास प्रमाण पत्र का क्रमांक एवं जारी होने का दिनॉक चाहा गया है, जिससे स्‍पष्‍ट है कि वह अभ्‍यर्थी एक ही स्‍थान पर आवेदन कर सकता है, परन्‍तु इसके साथ अन्‍य वोटर आई डी0/बैंक एकाउण्‍ट नं0/पेन कार्ड/राशन कार्ड आदि का क्रमांक भी मॉगा है, यदि उक्‍त दोनों परिचय में लिखे पते में अन्‍तर पाया जाता है तो उसका अभ्‍यर्थन निरस्‍त होगा या स्‍वीकार किया जायेगा, अभ्‍यर्थी उक्‍त दोनों परिचय देने में कठिनाई उत्‍पन्‍न हो रही है।
6- किन्‍हीं संस्‍थानों द्वारा जारी प्रमाण पत्रों/डिप्‍लोमाधारियों को अंक के स्‍थान पर ग्रेड सिस्‍टम प्रणाली अपनाई गई है, तो उसका प्रतिशत कैसे दर्ज किया जायेगा, उन अभ्‍यि‍र्थयों के भविष्‍य पर सवालिया निशान लगा है।
उक्‍त प्रश्‍नों के जबाव विभागीय निर्देशों में निहित नहीं है, फिर भी आप इस सम्‍बन्‍ध में क्‍या विचार रखते है, कृपया अपना सहयोग प्रदान करें, इसके अतिरिक्‍त हो सकता है कि कई प्रश्‍न आपके दिमाग में हो तो आप मेरे से शेयर कर सकते है।

.UPTET: कानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती

इलाहाबाद : क्या सही है और क्या गलत इसका फैसला तो अब हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी लेकिन कानून की अलग-अलग व्याख्या ने शिक्षक भर्ती को उलझा दिया है। इससे नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
वस्तुत: प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता शुरू से ही विवादों का घर रही है। पहले इसकी परीक्षा को लेकर विवाद और बाद में बीएड अभ्यर्थियों के मामले ने इसे और उलझा दिया। टीईटी की गाइडलाइन पूरे देश के लिए तय की गई थी लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों के लिए राह खोलकर तमाम विवादों को जन्म दे दिया। बीएड अभ्यर्थियों के अपने तर्क हैं और उनकी एक बड़ी संख्या है इसलिए उन्हें उपेक्षित करना आसान नहीं था। इसी वजह से बड़ी संख्या में याचिकाएं अदालतों में दाखिल हुईं।
हाईकोर्ट में मतभिन्नता से अब यह मामला पूर्ण पीठ को संदर्भित हुआ है जिससे एक निश्चित नतीजे पर पहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वैसे अदालतों की अलग-अलग राय ने एक बहस भी सामने ला दी है कि किसी निश्चित गाइडलाइन को राज्य सरकार क्या तोड़-मरोड़ सकती है? जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है।
विशेष अपील भी खंडपीठ के हवाले
टीईटी की अनिवार्यता वाले एक अन्य एकल न्यायपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील को भी पहले से गठित पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया गया। नवीन श्रीवास्तव व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुशील हरकौली तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खण्डपीठ ने प्रकरा को पूर्ण पीठ के समक्ष रखने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अपील का फैसला पूर्ण पीठ के द्वारा होने वाले फैसले से प्रभावित होगा। ऐसे में दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई किए जाने का औचित्य नहीं है।
टीईटी पास होना अनिवार्य है किंतु शासनादेश के तहत बीएड डिग्रीधारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। शर्त यह होगी कि नियुक्ति के बाद उन्हें 6 माह का प्रशिक्षण लेना होगा।
-खंडपीठ का आदेश
टीईटी पास होना सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य है। जब टीईटी अभ्यर्थी नहीं होंगे तब आवश्यक होने पर बीएड की नियुक्ति की जा सकेगी किंतु वे भी बाद में टीईटी पास करेंगे।
-न्यायमूर्ति अरुण टंडन
टीईटी शिक्षक भर्ती के लिए ग्रीन कार्ड की तरह है। कानूनी उपबंधों की सही व्याख्या किया जाना जरूरी है इसलिए प्रकरण वृहदपीठ को संदर्भित किया जाए।
-न्यायमूर्ति एपी साही
शिक्षक भर्ती में बीए, बीएससी के साथ बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश का अनुपालन किया जाए। एक माह के भीतर इस इस पर कार्यवाही हो।
-न्यायमूर्ति डीपी सिंह

60 हजार शिक्षामित्र जनवरी में स्थायी शिक्षक हो जायेंगे

लखनऊ : दूरस्थ शिक्षा के जरिये दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के चौथे सेमेस्टर के 60,000 स्नातक शिक्षामित्रों के पहले बैच को स्थायी शिक्षक के रूप में जनवरी 2014 में समायोजित किया जाएगा। वहीं बीटीसी प्रशिक्षण के दूसरे सेमेस्टर के 64,000 स्नातक शिक्षामित्रों को दिसंबर 2014 तक समायोजित करने की योजना है।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने विधान परिषद में भाजपा के हृदय नारायण दीक्षित की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट उत्तीर्ण 46,000 शिक्षामित्रों का दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिसंबर 2013 से शुरू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से 5000 रुपये प्रति माह करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

Tuesday, 26 March 2013

happy holi- admin shivam maurya


Happy holi my Dear Friends

Pyar ke rang se bharo pichkari,
sneh ke rang do duniya sari,
ye rang na jane koi jaat na koi boli,
aapko mubarak ho aapno ki holi

Happy holi by admin SHIVAM MAURYA-
FACE BOOK ID- http://www.facebook.com/shivam.shivam.16121?ref=ts&fref=ts
happy holi
happy holi

Happy holi 2013 friends
Happy holi 2013 friends
Happy holi 2013 friends
Happy holi for you
Happy holi for you
Happy holi for you




Monday, 25 March 2013

Graduate can make teacher


स्नातक धारी भी टीचर बन सकते हैं-
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए अब 13 राज्यों को विशेष छूट प्रदान की है। इन राज्यों में बीटीसी अथवा बीएड का कोर्स कर चुके बेरोजगारों के अलावा सामान्य स्नातक भी टीईटी (शिक्षक योग्यता परीक्षा) पास कर शिक्षक बन सकेंगे। अभी तक केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारों को ही टीईटी परीक्षा में शामिल होने की छूट थी।
उल्लेखनीय है सर्वशिक्षा अभियान के तहत देश में लगभग बीस लाख शिक्षकों के नए पद सृजित हुए थे। इनमें से 12 लाख से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन सात लाख पद अभी भी रिक्त हैं, जबकि पहली अप्रैल से पूरे देश में आरटीई एक्ट प्रभावी हो जाएगा। रिक्त पदों पर भर्ती के लिए बार-बार टीईटी परीक्षा कराने के बाद भी प्रशिक्षित उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में नहीं मिल पा रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती में पीछे रहने वाले राज्यों के अनुरोध पर बीएड की डिग्री हासिल करने वालों को भी प्राइमरी शिक्षक बनने की छूट दी गई, लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी पद नहीं भरे जा सके हैं। इन राज्यों में प्रशिक्षित शिक्षक तो हैं, लेकिन वे टीईटी परीक्षा नहीं पास कर पा रहे हैं
मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने बताया इस समस्या को दूर करने के लिए 13 राज्यों में अप्रशिक्षित सामान्य ग्रेजुएट को भी टीईटी परीक्षा में शामिल होने तथा परीक्षा पास करने पर सीधे शिक्षक नियुक्त करने की छूट दे दी गई है। छूट पाने वाले इन राज्यों में ही सर्वाधिक छह लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक बिहार में 2,05,378 तथा उत्तर प्रदेश में 1,59,087 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनके अलावा जिन राज्यों में स्नातकों को सीधे शिक्षक पद पर भर्ती की छूट दी गई है उनमें हिमाचल प्रदेश में 2203, उत्तराखंड में 9270, पश्चिम बंगाल में 61,623 तथा मध्य प्रदेश 79,110 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की पात्रता में छूट पाने वाले अन्य राज्यों में झारखंड तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं।
नौकरी मिलने के बाद इन प्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने देश में 19 स्थानों पर कॉलेज ऑफ टीचर्स एजूकेशन (सीटीई) की स्थापना भी करने का फैसला लिया है। यहां पर सबसे पहले नई भर्ती वाले शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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राज्यों तथा केंद्र को उम्मीद है कि भविष्य में होने वाली टीईटी परीक्षा में बड़ी संख्या में स्नातक युवक शामिल होंगे तथा परीक्षा पास कर वे खाली पदों पर नौकरी हासिल कर सकेंगे। अभी होने वाली टीईटी परीक्षा में कई राज्यों में एक फीसदी उम्मीदवार भी पास नहीं हो पा रहे थे।

Sunday, 24 March 2013

Tet news of uttar pradesh 25 march 2013

SSC 12th pass govt jobs

Age : 18-27

Apply Online : http://govtjobsupdates.in/2013/03/ssc-stenographer-recruitment-in-cabinet-secretariat-march-2013/

उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती रुकी-
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 uptet, tet news, teacher vacany : this is a blog related to tet news of uttar pradesh लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में स्पष्ट शासनादेश के बाद भी शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई है। जबकि स्कूल प्रबंधन शिक्षकों की भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से लेकर शासन तक से गुहार लगा रहे हैं। इसके बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा का कहते हैं कि बेसिक शिक्षा परिषद से इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी होने के बाद ही बीएसए भर्ती की अनुमति दे सकेंगे।
सूबे में सहायता प्राप्त करीब 4100 जूनियर हाई स्कूल हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल प्रबंधन कमेटी प्रस्ताव बनाकर बीएसए को भेजती है। फिर उनकी अनुमति के बाद विज्ञापन निकाल कर आवेदन मांगे जाते हैं लेकिन सूबे में आरटीई लागू होने के बाद भी शिक्षकों की भर्ती रोक दी गई

 
उत्तर प्रदेश के माडल स्कूलों में की 2600 कर्मियों की भरती का शासनादेश जारी-
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लखनऊ। सूबे में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खुले 148 मॉडल स्कूलों में 2600 कर्मियों की भर्ती की कवायद सरकार ने तेज कर दी है। प्रदेश के पिछड़े ब्लॉक में संचालित इन स्कूलों में 148 प्रधानाचार्य, 740 प्रवक्ता, 1036 सहायक अध्यापक, 148 कनिष्ठ लिपिकों की भर्ती होगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भर्ती का शासनादेश जारी कर दिया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की तैनाती सेवा प्रदाता के माध्यम से होगी।
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक की ओर से पिछले साल अगस्त में पद सृजन को लेकर प्रस्ताव भेजे गए थे। इसमें हर मॉडल स्कूल के लिए 1 प्रिंसिपल, 5 प्रवक्ता, 7 सहायक अध्यापक, 1 कनिष्ठ लिपिक और सेवा प्रदाता के माध्यम हर स्कूल के लिए 4 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती का प्रस्ताव शामिल था। शासन ने भेजे गए सभी प्रस्तावों पर हरी झंडी दे दी है। यह मॉडल हाई स्कूल केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर सूबे के पिछड़े ब्लॉकों में खोले जा रहे हैं। ये स्कूल ब्लॉक मुख्यालय पर खोले जा रहे हैं। इनमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी। केंद्र के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने सूबे के कुल 680 पिछड़े ब्लॉक में यह स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2011-12 में 148 व वित्तीय वर्ष 2012-13 में 45 स्कूल खोलने की मंजूरी दी। गौरतलब है कि स्कूल खोलने और उनके संचालन में आने वाले खर्च की 75 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 25 फीसदी राज्य सरकार वहन कर रही है। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने केवल स्कूल भवन बनाने के लिए ही राज्य सरकार को राशि स्वीकृत किया है। सभी स्कूलों में केवल विज्ञान शिक्षकों की भर्ती होगी और विज्ञान की कक्षाएं ही संचालित की जाएंगी

मृतक आश्रितों के लिए टीईटी की बाध्यता न हो

 uptet, tet news, teacher vacany : this is a blog related to tet news of uttar pradesh रायबरेली। उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ की एक बैठक रविवार की सुबह 11 बजे शहर के बस स्टाप स्थित वैदिक कन्या इण्टर कॉलेज में आयोजित की गयी। बैठक में अधिक से अधिक सदस्यता एवं संघ की जागरूकता पर चर्चा की गयी। साथ ही स्थायी मान्यता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों को अनुदान सूची में लेने, वर्ष 2006 में अनुदानित विालयों के अवशेष शिक्षकों एवं कर्मचारियों की अनुमान्यता शीघ्र जारी करने, इन्हीं की पुरानी पेंशन योजना लागू करने, 22 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतमान दिये जाने, मृतक आश्रितों पर टीईटी की बाध्यता समाप्त करने तथा बीएड की अहर्ता सेवा नियमावली 1978 के प्रभावित होने के तिथि से मानी जाने आदि सम्बंधी बिन्दुओं पर गहनचर्चा की गयी।

संचालन महेन्द्र बाजपेयी ने किया। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह ने की। इसके अलावा लखनऊ मण्डल अध्यक्ष शिव कुमार सिंह, जेपी द्विवेदी, आशा सिंह, जिला कोषाध्यक्ष राम शरण पटेल, अरूण कुमार शुक्ला, सर्वेश मिश्र, सत्येन्द्र सिंह, विजय सिंह सहितसैकड़ों लोग मौजूद रहे।

Saturday, 23 March 2013

PCS ke Avedan aaj se


PCS ke Avedan aaj se
Allahabad- PCS। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से इसकी सूचना आयोग वेबसाइट पर जारी कर दी गई है। आवेदन सिर्फ आनलाइन किया जा सकेगा। इससे संबंधित जानकारी भी साइट पर लोड कर दी गई है। आवेदन फीस 20 अप्रैल तक जमा होगी। फार्म 25 अप्रैल तक भरे जा सकेंगे। पीसीएस-2013 के लिए शनिवार से आवेदन किया जा सकेगा।

Thursday, 21 March 2013

Shikshamitra will be permament in january 2014


Shikshamitra will be permament in january 2014
सन 2014 के जनवरी महीने में 60 हजार शिक्षामित्र स्थायी बनेंगे--
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जागरण ब्यूरो, लखनऊ : दूरस्थ शिक्षा के जरिये दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के चौथे सेमेस्टर के 60,000 स्नातक शिक्षामित्रों के पहले बैच को स्थायी शिक्षक के रूप में जनवरी 2014 में समायोजित किया जाएगा। वहीं बीटीसी प्रशिक्षण के दूसरे सेमेस्टर के 64,000 स्नातक शिक्षामित्रों को दिसंबर 2014 तक समायोजित करने की योजना है।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने गुरुवार को विधान परिषद में भाजपा के हृदय नारायण दीक्षित की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट उत्तीर्ण 46,000 शिक्षामित्रों का दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिसंबर 2013 से शुरू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से 5000 रुपये प्रति माह करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

Wednesday, 20 March 2013

shikshamitron me daudi khushi ki lahar


शिक्षामित्रों में दौड़ी खुशी की लहर--
जागरण समाचार: इलाहाबाद बोर्ड परीक्षा नियामक ने प्रथम सेमेस्टर में नामांकित 430 शिक्षामित्रों को परीक्षा देने की अनुमति दे दी है। इससे शिक्षामित्रों में हर्ष की लहर दौड़ गई।
बुधवार को ब्लाक संसाधन केंद्र पर प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की बैठक जिलाध्यक्ष सौरभ की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि छिबरामऊ डायट प्राचार्य की लापरवाही से अवशेष 430 शिक्षामित्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। इसके विरोध में शिक्षामित्रों ने 19 फरवरी से 23 फरवरी तक डायट में धरना-प्रदर्शन किया था। इसके बाद शिक्षामित्रों को यह जीत मिली है। जिला उपाध्यक्ष अनूप कटियार ने कहा कि जिन शिक्षामित्रों के प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म नही भरे गए हैं। वह 22 व 23 मार्च तक परीक्षा फार्म भर दें। इस मौके पर ब्लाक अध्यक्ष हृदेश दुबे, रजनी सिंह, विश्राम सिंह, मुकेश राजपूत, रामगोपाल, बसंत शुक्ला, नीरज कई लोग मौजूद रहे।
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Tuesday, 19 March 2013

IF moallim be ready, tet will conduct


मोअल्लिम धारक तैयार हों तो हो टीईटी
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लखनऊ (ब्यूरो)।सूबे के प्राथमिक स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी है, इसके बावजूद सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। दरअसल इसके पीछे मुख्य वजह मोअल्लिम वाले माने जा रहे हैं। मोअल्लिम धारक शिक्षक तो बनना चाहते हैं मगर बगैर टीईटी के। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मोअल्लिम धारकों को मनाने में जुटे हैं कि वे टीईटी के लिए राजी हो जाएं ताकि इसका आयोजन कराया जा सके।
शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के चलते कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश को 31 मार्च 2014 तक का समय दे रखा है। पर स्थिति यह है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी ही नहीं हो पा रही है।
सूबे में पिछली बार टीईटी नवंबर 2011 में आयोजित कराई गई थी। इसके बाद से प्रस्ताव कई बार बना लेकिन परीक्षा नहीं हो पाई। इसमें सबसे बड़ी समस्या मोअल्लिम धारक हैं। दरअसल सपा सरकार मुसलमानों को अपना मुख्य वोट बैंक मानती है और मोअल्लिम धारक इसी का लाभ उठा रहे हैं। वे बगैर टीईटी पास किए शिक्षक बनना चाहते हैं। लिहाजा एनसीटीई की नियमावली हर बार आड़े आ रही है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि मोअल्लिम धारक वाले मान जाएं ताकि टीईटी आयोजित कराई जा सके


Monday, 18 March 2013

V BTC tell for naukari


विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों ने मांगी नौकरी
जागरण संवाददाता, लखनऊ : सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगारों ने सोमवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के आान पर जुटे प्रशिक्षितों ने सरकार से खाली पदों के सापेक्ष उनकी भर्ती करने की मांग की। देर शाम प्रशिक्षितों ने विधानभवन के सामने से हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक कैंडल मार्च भी निकाला।
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संयोजक राजनारायण ने कहा कि हम लोगों के साथ वर्ष 2007-08 में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की नियुक्ति कर दी गई, लेकिन उस समय करीब पांच फीसद लोगों की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। छह महीने बाद डायट में विशेष प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही है। प्रशिक्षितों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्ति की मांग की।

माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तिसे रोक हटी Updated on: Mon, 18 Mar 2013 07:28 PM (IST
विधि संवाददाता, पटना : पटना हाईकोर्ट ने सहरसा में माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों केशिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई पात्रता परीक्षा को रद करते हुए शेष जिलों में नियुक्ति पर लगी रोक हटा ली है। पात्रता परीक्षा पिछले साल 17 फरवरी को हुई थी। अब यहां नए सिरे से परीक्षा होगी। अदालत ने प्रदेश के अन्य जिलों में प्रश्नपत्र लीक होने के बाद की गई कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी।
न्यायाधीश मिहिर कुमार झा की पीठ ने सोमवार को विल्सन की याचिका पर सुनवाई करते हुए पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित करने का निर्देश दिया। इसके लिए शिक्षा विभाग को 30 मार्च तकस्थिति स्पष्ट करनी होगी कि शिकायतें मिलनेके बाद क्या कार्रवाई की गई थी? अगली तिथि को यह भी बताना होगा कि उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की गई अथवा नहीं?
याचिकाकर्ता के वकील अमृत अभिजात एवं मनोज कुमार गुप्ता ने सम्मिलित रूप से कहा कि सहरसा में परीक्षा होने के पहले ही प्रश्न पत्र बाजार में बिक रहे थे। इसकी पुष्टि सहरसा के डीएम ने भी की थी। परन्तु शिकायतोंकी परवाह नहीं कर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 16 जून को रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया गया। अधिवक्ता द्वय का कहना था कि परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायत अन्य जिलोंसे भी आई लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। अदालत का मानना था कि जब बड़े पैमाने धांधली की शिकायत मिली थी तो संबंधित पदाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी। ऐसे मामले में सरकार को स्वयं हस्तक्षेप करना चाहिए था, ताकि 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो सके। याद रहे कि कोर्ट ने 26 फरवरी को शिक्षकों को नियुक्ति पर रोक लगाई थी।

Sunday, 17 March 2013

today judgement may be in anudeshak bharti


अनुदेशक मामले में फैसला आज
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जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के जूनियरहाईस्कूलों में अनुदेशकों की नियुक्ति को लेकर उठेविवादों पर हाईकोर्ट अपना फैसला सोमवारको सुनाएगा।
फैसला न्यायमूर्ति एपी साही द्वारा रणविजययादव की याचिका पर दिया जाएगा। याचिका मेंअनुदेशकों की नियुक्ति की सरकारद्वारा अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष तय करनेव जिले के भीतरकेही अभ्यर्थियों को मौका देनेकी सरकारी फैसलेकी वैधता को चुनौती दी गयी है।
साक्षर भारत मिशन के अन्‍तर्गत दिनॉंक 17 मार्च 2013 को साक्षरता परीक्षा का आयोजन
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राष्‍ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान, नोएड, उ0प्र0 के सहयोग से बुनियादी साक्षरता कार्यक्रम के अन्‍तर्गत दि0 17 मार्च 2013 को देश के साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम से साक्षरता परीक्षा का आयोजन कराया जायेगा।
उक्‍त आयोजित परीक्षा में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत से 15+ वय वर्ग के होगें जो पूर्व साक्षरता कार्यक्रमों में वह महिला पुरूष, जो नव साक्षर, अर्द्वसाक्षर रहे हों अथवा 15+ वय वर्ग के वह महिला, पुरूष जो कक्षा 02, 03, 04 के ड्राप आउट हों, परीक्षा में सम्मिलित होगें, परीक्षा का मूल्‍याकंन इस प्रकार होगा -
1- पढ़ना - 50 अंक
2- लिखना - 50 अंक
3- अंक ज्ञान - 50 अंक
परीक्षा सम्‍पन्‍न होने के उपरान्‍त परीक्षार्थियों को राष्‍ट्रीय साक्षरता मिशन भारत सरकार एवं राष्‍ट्रीय मुक्‍त विश्‍विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान, नोएडा उ0प्र0 द्वारा परीक्षाफल/प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
परिणाम 60 प्रतिशत से अधिक पर अच्‍छा, 40 - 60 के मध्‍य संतोषजनक, 40 प्रतिशत से कम सुधार की आवश्‍यकता का प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

इस हेतु जनपद में 3000 परीक्षार्थियों हेतु प्रश्‍नपुस्तिकाऍ जनपद स्‍तर पर प्राप्‍त हो चुकी है, उक्‍त परीक्षा के अध्‍यक्ष प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थान की अध्‍यक्षता में आयोजित की जायेगी।

Friday, 15 March 2013

ctet-2013 begin


सीटीईटी के लिए आवेदन शुरू
लखनऊ। सीबीएसई द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन सीबीएसई की वेबसाइट पर 16 अप्रैल तक किए जा सकेंगे। आवेदन सीबीएसई तक पहुंचने की आखिरी तिथि 22 अप्रैल है। अभ्यर्थियों का एप्लीकेशन स्टेटस 15 जून से सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। अभ्यर्थियों के एप्लीकेशन यदि किसी कारण नहीं पहुंच सके है तो वे 16 जून से 27 जून तक सीबीएसई से संपर्क कर सकेंगे। तीन जुलाई से ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किया जा सकेगा। परीक्षा 28 जुलाई को होगी जबकि रिजल्ट तीन सितंबर को आएगा।शिक्षक न स्कूल, फिर कैसा अधिकार : उत्तर प्रदेश में 1.59 लाख शिक्षकों के पद खाली

    शिक्षक न स्कूल, फिर कैसा अधिकार
    अकेले उत्तर प्रदेश में 1.59 लाख शिक्षकों के पद हैं खाली


पहली अप्रैल से देश के हर बच्चे को आरटीई एक्ट के तहत अपने घर के आसपास आठवीं तक निशुल्क शिक्षा पाने का कानूनी अधिकार होगा। मगर इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है कि बड़ी संख्या में स्कूलों का निर्माणकार्य पूरा नहीं होने और पूरे देश में सात लाख शिक्षकों के पद रिक्त होने के चलते बच्चों को यह अधिकार कैसे हासिल हो सकेगा। यूपी में इस समय प्राइमरी शिक्षकों के 1.59 लाख पद रिक्त हैं।
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2009 में केंद्र द्वारा पारित निशुल्क शिक्षा का अधिकार कानून को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकारों को तीन साल की मोहलत दी गई थी ताकि वे सभी की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त स्कूल, शिक्षक व अन्य संसाधन का इंतजाम कर सकें। यह समयसीमा मार्च में पूरी हो जाएगी। मगर देश के हर बच्चे को उसके घर के समीप आठवीं तक शिक्षा सुलभ कराने के लिए जितने स्कूल बनने थे वह अभी तक नहीं बन सके। प्राथमिक स्कूलों में छात्र व शिक्षक अनुपात के हिसाब से 6.96 लाख शिक्षकों की अभी और भर्ती किए जाने की जरूरत है। सबसे खराब स्थिति केवल पांच राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल की है। इन्हीं राज्यों में अकेले 5.42 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं।

Thursday, 14 March 2013

Seven Lakh Teachers Post Created under RTE



Seven Lakh Teachers Post Created under RTE 
Dated 13th March 2013

Over Seven Lakh additional teacher posts have been sanctioned in the last three years under the Right to Education Act. This was stated by the MOS, HRD, Dr. Shashi Tharoor in Lok Sabha today. He said these posts have been approved to maintain Pupil Teacher Ratio under the Sarva Shiksha Abhiyan (SSA) programme which has been harmonized with the RTE Act. 

In reply to another question, Dr. Tharoor said that only a person who qualifies the Teacher Eligibility Test Conducted by the appropriate government will be eligible for appointment as a teacher for Class I-VIII as per NCTE. The Minister was replying to a written question on the issue. 
GIC MALE TEACHER LT GRADE - NEXT DATE OF HEARING IN ALLAHABAD HC IS 19TH MARCH 2013

?Court No. - 30

Case :- WRIT - A No. - 6333 of 2013

Petitioner :- Ravindra Babu Shriwas And Ors.
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors.
Petitioner Counsel :- Radha Kant Ojha
Respondent Counsel :- C.S.C.

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Sri Upendra Singh, learned Standing Counsel states that a counter affidavit as desired by this Court is under preparation in respect of other reasons as well so as to provide complete information with regard to status of selections.
Put up on Tuesday next.
Order Date :- 12.3.2013
Manish 
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Matter is related to PG Degree issue. Is M.A Degree Equivalent to PG Science ? Can M.A Degree Quality Points can be added for Selection of Science Teacher
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In GGIC Female Teacher also such thing may happened,  (Old News of Amar Ujala) -

जीजीआईसी में शिक्षिकाओं की नियुक्ति का मामला ( Facts About Merit List Prepared for GGIC Female Teachers for appointment as LT Grade Teacher)

बीएचयू और अन्य नामी विश्वविद्यालयों को झटका
डीम्ड यूनिवर्सिटीसंस्कृत विवि की छात्राओं की बल्ले-बल्ले
यूपी बोर्ड को सीबीएसई ने पछाड़ानामचीन विवि भी पिछड़े
छूटे हुए १०९ अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग २८ जून को होगी
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। राजकीय बालिका इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड के चयन में सैम्स हिगिंम बाटम डीम्ड यूनिवर्सिटी इलाहाबादरोहतक विश्वविद्यालय और संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्राओं की बल्ले-बल्ले है। सूत्रों के मुताबिक स्नातक स्तर पर इन तीनों विश्वविद्यालयों और इंटर स्तर पर सीबीएसई की छात्राओं ने मेरिट में बाजी मारी है बीएचयू और अन्य विश्वविद्यालयों के अभ्यर्थी मेरिट में पिछड़ गए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में सहायक अध्यापिकाओं की काउंसिलिंग की प्रक्रिया के बाद ये तथ्य सामने आए हैं। काउंसिंलिंग के लिए ५१९ अभ्यर्थियों को काल किया गया था। इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी उक्त तीनों संस्थानों के हैं। बीएचयू से स्नातक और बीएड की डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी मेरिट में काफी नीचे हैं। चयनित अभ्यर्थियों की सूची देखकर कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी हैरत में हैं। यही नहीं चयन प्रक्रिया में परास्नातक की डिग्री पर भी अंक रखा गया है। ऐसे में बीएससी करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने डीम्ड यूनिवर्सिटी की एमए की डिग्री लगाकर मेरिट में अपना स्थान पक्का कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि काउंसिलिंग के बाद शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन होगा। ताकि फर्जी डिग्रीधारकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। फिलहाल ५१९ में १०९ अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग छूट गई है। इनकी काउंसिलिंग २८ जून को होगी। अभ्यर्थियों को काल लेटर भेज दिया गया है।

Source : http://www.amarujala.com/state/Utter-Pradesh/23666-1.html