स्नातक बनेंगे टीचर,बीएड बाद में करेंगे
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में खाली पडे शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए अब 13 राज्यों को विशेष छूट प्रदान की है। इन राज्यों में बीटीसी अथवा बीएड का कोर्स कर चुके बेरोजगारों के अलावा सामान्य स्नातक भी टीईटी (शिक्षक योग्यता परीक्षा) पास कर शिक्षक बन सकेंगे।
अभी तक केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारो को ही टीईटी परीक्षा में शामिल होने की छूट थी। उल्लेखनीय है सर्वशिक्षा अभियान के तहत देश में लगभग बीस लाख शिक्षकों के नए पद सृजित हुए थे। इनमें से 12 लाख से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन सात लाख पद अभी भी रिक्त हैं, जबकि पहली अप्रैल से पूरे देश में आरटीई एक्ट प्रभावी हो जाएगा।
मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने बताया इस समस्या को दूर करने के लिए 13 राज्यों में अप्रशिक्षित सामान्य ग्रेजुएट को भी टीईटी परीक्षा में शामिल होने तथा परीक्षा पास करने पर सीधे शिक्षक नियुक्त करने की छूट दे दी गई है। छूट पाने वाले इन राज्यों में ही सर्वाधिक छह लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक बिहार में 2,05,378 तथा उत्तर प्रदेश में 1,59,087 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनके अलावा जिन राज्यों में स्नातकों को सीधे शिक्षक पद पर भर्ती की छूट दी गई है उनमें हिमाचल प्रदेश में 2203, उत्तराखंड में 9270, पश्चिम बंगाल में 61,623 तथा मध्य प्रदेश 79,110 पद रिक्त हैं।
शिक्षकों की पात्रता में छूट पाने वाले अन्य राज्यों में झारखंड तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं। नौकरी मिलने के बाद इन प्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने देश में 19 स्थानों पर कॉलेज ऑफ टीचर्स एजूकेशन (सीटीई) की स्थापना भी करने का फैसला लिया है। यहां पर सबसे पहले नई भर्ती वाले शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया जाएगा
News Source : News4Education.com ( 28.3.13)
*****************************************************
Teacher Eligibility Test News : 13 राज्यों में शिक्षकों की नियुक्ति के नियम में रियायत
EXCLUSIVE BREAKING NEWS - RTE
नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वशिक्षा अभियान के लिए शिक्षकों की भर्ती के लिए अहर्ता में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में छूट की मांग करने वाले 13 राज्यों का आग्रह स्वीकार कर लिया।
जिन राज्यों ने इस आशय की मंजूरी मांगी थी उनमें असम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
न्यूनतम योग्यताओं में रियायत का अनुरोध इसलिए किया गया है, क्योंकि बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम-2009 तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 12वीं योजना के दौरान देश में अध्यापक शिक्षा को बढिया बनाने के लिए 6,300 करोड़ रुपये से अधिक राशि की परियोजना को मंजूरी दी है।
संशोधित योजना के मुख्य अवयव हैं शिक्षा और प्रशिक्षण संबंधी नए जिला संस्थानों (डीआईईटी), अध्यापक शिक्षा कॉलेजों (सीटीई) और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन की संस्थाओं (आईएएसई) के गठन के साथ-साथ मौजूदा डीआईईटी, सीटीई और आईएएसई को मजबूत करना शामिल हैं।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक बहुल 196 जिलों में खंड स्तर पर अध्यापक शिक्षा संस्थाओं (बीआईटीई) की स्थापना भी शामिल हैं।
इसके अलावा, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने उपरोक्त राज्य सरकारों को सेवारत 5 लाख से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए प्रशिक्षण की भी अनुमति दी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में खाली पडे शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए अब 13 राज्यों को विशेष छूट प्रदान की है। इन राज्यों में बीटीसी अथवा बीएड का कोर्स कर चुके बेरोजगारों के अलावा सामान्य स्नातक भी टीईटी (शिक्षक योग्यता परीक्षा) पास कर शिक्षक बन सकेंगे।
अभी तक केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारो को ही टीईटी परीक्षा में शामिल होने की छूट थी। उल्लेखनीय है सर्वशिक्षा अभियान के तहत देश में लगभग बीस लाख शिक्षकों के नए पद सृजित हुए थे। इनमें से 12 लाख से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन सात लाख पद अभी भी रिक्त हैं, जबकि पहली अप्रैल से पूरे देश में आरटीई एक्ट प्रभावी हो जाएगा।
मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने बताया इस समस्या को दूर करने के लिए 13 राज्यों में अप्रशिक्षित सामान्य ग्रेजुएट को भी टीईटी परीक्षा में शामिल होने तथा परीक्षा पास करने पर सीधे शिक्षक नियुक्त करने की छूट दे दी गई है। छूट पाने वाले इन राज्यों में ही सर्वाधिक छह लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक बिहार में 2,05,378 तथा उत्तर प्रदेश में 1,59,087 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनके अलावा जिन राज्यों में स्नातकों को सीधे शिक्षक पद पर भर्ती की छूट दी गई है उनमें हिमाचल प्रदेश में 2203, उत्तराखंड में 9270, पश्चिम बंगाल में 61,623 तथा मध्य प्रदेश 79,110 पद रिक्त हैं।
शिक्षकों की पात्रता में छूट पाने वाले अन्य राज्यों में झारखंड तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं। नौकरी मिलने के बाद इन प्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने देश में 19 स्थानों पर कॉलेज ऑफ टीचर्स एजूकेशन (सीटीई) की स्थापना भी करने का फैसला लिया है। यहां पर सबसे पहले नई भर्ती वाले शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया जाएगा
News Source : News4Education.com ( 28.3.13)
*****************************************************
Teacher Eligibility Test News : 13 राज्यों में शिक्षकों की नियुक्ति के नियम में रियायत
EXCLUSIVE BREAKING NEWS - RTE
नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वशिक्षा अभियान के लिए शिक्षकों की भर्ती के लिए अहर्ता में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में छूट की मांग करने वाले 13 राज्यों का आग्रह स्वीकार कर लिया।
जिन राज्यों ने इस आशय की मंजूरी मांगी थी उनमें असम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
न्यूनतम योग्यताओं में रियायत का अनुरोध इसलिए किया गया है, क्योंकि बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम-2009 तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 12वीं योजना के दौरान देश में अध्यापक शिक्षा को बढिया बनाने के लिए 6,300 करोड़ रुपये से अधिक राशि की परियोजना को मंजूरी दी है।
संशोधित योजना के मुख्य अवयव हैं शिक्षा और प्रशिक्षण संबंधी नए जिला संस्थानों (डीआईईटी), अध्यापक शिक्षा कॉलेजों (सीटीई) और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन की संस्थाओं (आईएएसई) के गठन के साथ-साथ मौजूदा डीआईईटी, सीटीई और आईएएसई को मजबूत करना शामिल हैं।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक बहुल 196 जिलों में खंड स्तर पर अध्यापक शिक्षा संस्थाओं (बीआईटीई) की स्थापना भी शामिल हैं।
इसके अलावा, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने उपरोक्त राज्य सरकारों को सेवारत 5 लाख से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए प्रशिक्षण की भी अनुमति दी
No comments:
Post a Comment