You could put your verification ID in a comment Or, in its own meta tag

Thursday, 7 March 2013

nex date 11 march


UPTET: 11 मार्च को होगी अगली सुनवाई, शिक्षक भर्ती पर रोक जारी
March 8th, 2013 by जेएनआई-डेस्क
इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज फिर उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती पर लगी जारी रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख 11 मार्च लग गयी है| सम्भवतः 33 न० अदालत में माननीय न्यायाधीश हरकौली इसकी सुनवाई करेंगे
 


बीटीसी प्रशिक्षितों ने की नियुक्ति की मांग
लखनऊ। टीईटी पास बीटीसी प्रशिक्षितों ने फिर धरना-प्रदर्शन कर नियुक्ति की मांग उठाई है। धरनास्थल पर बृहस्पतिवार को बीटीसी 2010 टीईटी पास संबद्ध समिति के तहत धरने पर बैठे प्रशिक्षितों ने कहा कि कि कई बार वार्ता के बावजूद अब तक नियुक्ति नहीं हुई है। समिति के सतेंद्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि सुबह बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने जल्द नियुक्ति का आश्वासन दिया है। सतेंद्र ने कहा कि जल्द ही नियुक्ति शुरू नहीं हुई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

court update, uptet latest news, tet news, uptet today news: This is a blog of uttar pradesh teacher requirement
टीईटी ऐसी बला, जो हमें परेशान किए है’
लखनऊ (ब्यूरो)। विधानपरिषद में गुरुवार को प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का भी मामला गूंजा। शिक्षक दल के नेताओंने शून्यकाल में टीईटी उत्तीर्ण न कर पाने की वजह से शिक्षकों को नौकरी न मिल पाने का मामला उठाया। नेता सदन अहमद हसन ने जवाब में कहा कि वह समस्या से इत्तिफाक रखते हैैं, बेसिक शिक्षा निदेशक से इस बारे में आख्या मांगी है। बोले- ‘टीईटी ऐसी बला है, जो हमें परेशान किए है और शिक्षा विभाग के अफसर भी हमें टीईटी के नाम पर धमकाते हैं।’
शून्यकाल में शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा, जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, सुभाष चंद्र शर्मा व अन्य सदस्यों ने 2007-2008 में प्रशिक्षणप्राप्त विशिष्ट बीटीसी के 88000 शिक्षकों में पांच फीसदी अभ्यर्थियों की नियुक्ति अभी तक न किए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। कहा कि इनकी नियुक्ति स्कूलों में इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि इन अभ्यर्थियों ने टीईटी उत्तीर्ण नहीं किया है। नेता सदन अहमद हसन ने आश्वासन दिया कि सरकार जनहित में फैसला लेगी। शिक्षा के क्षेत्र में यह बड़ा निर्णय होगा।

-विधान परिषद में छलका नेता सदन का दर्द

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर विधान परिषद में नेता सदन अहमद हसन का दर्द गुरुवार को छलक गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी हमें टीईटी के नाम पर धमकाते हैं। यह एक ऐसी बला है जो हम सबको परेशान किये हुए है।'

हुआ यूं कि शून्यकाल के दौरान शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा व सुरेश त्रिपाठी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत सदन को अवगत कराया कि 2007-08 में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 88000 अभ्यर्थियों में से पांच प्रतिशत की परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति नहीं हो पा रही है क्योंकि इन अभ्यर्थियों ने टीईटी उत्तीर्ण नहीं किया है। इस पर नेता सदन ने कहा कि प्रकरण में बेसिक शिक्षा निदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कांग्रेस के नसीब पठान यदि मदद करें तो केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार शिक्षकों की भर्ती में टीईटी से छूट दे सकती है।

इससे पहले टीईटी का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान भी उठा। भाजपा के हृदय नारायण दीक्षित ने बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी से पूछा क्या मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को परिषदीय स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की कोई प्रक्रिया चल रही है? जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की प्रक्रिया विचाराधीन है लेकिन इसमें टीईटी बाधा बन रही है। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक टीईटी से छूट दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस प्रकरण पर विचार करने के लिए उन्होंने 14 मार्च को अफसरों की बैठक बुलायी है
आज "महिला दिवस" के अवसर पर सभी महिलाओं का खूब खूब अभिनन्दन

आज 8 मार्च का दिन "महिला दिवस" के रूप में मनाया जाता है ,,इस दिन की शुरुआत भले ही 8 मार्च 1910 को कोपेनहेगन में हुए "महिला सम्मेलन " से शुरू हुआ हो मगर .".भारतीय संस्कृति " के अनुसार तो "नारी शक्ति " को समाज में एक विशेष स्थान सदियों पहले से ही प्राप्त है .."नारी शक्ति" की पूजा तो हमारे समाज में सदियों से हमारी परम्परा का एक मजबूत हिस्सा रही है । किसी भी इंसान के जीवन में जिन तीन शक्तियों की नितांत आवशयकता होती है ..वो हैं .."शक्ति".यानी बल .....दूसरी "ज्ञान" यानी .बुद्धि ...और तीसरी "धन"यानी पैसा ...तो दोस्तों .इन तीनो आवशयकताओं को पाने के लिए हमारे समाज में "नारी शक्ति " की ही पूजा की जाती है । शक्ति के लिए "माँ दुर्गा" ...ज्ञान के लिए "माँ सरस्वती " और धन के लिए " माँ लक्ष्मी" की "नारी शक्ति" के रूप में हमारे समाज में स्थापित हैं । इन पुरानी परम्पराओं की मान्यत्ता के बाद भी कई बुराइयाँ "रोज के जीवन" में कई बुरी घटनाओं के रूप में सामने आ जाती हैं ..उन बुराइयाँ को जड़ से ही निर्मूल करने की बेहद जरूरी है । इस काम के लिए पूरे समाज को एकजुट होने के अलावा " नारी शक्ति " को भी एक विशेष भूमिका निभाते हुए अपनी पहचान को और भी लौखंडी बनाने की आवशयकता है । आज के दिन ही सिर्फ नहीं ,हमेशा समाज में अपनी पूख्ता किरदार के लिए सभी नारियों का फिर से बहुत बहुत अभिनन्दन

समय पर सेवा दिलाने वाले बिल को मंजूरी.................
समय पर काम नहीं तो 50 हजार जुर्माना
•अमर उजाला ब्यूरो

नई दिल्ली। सरकारी बाबुओं के ढुलमुल रवैये से आए दिन हम परेशानी झेलते आए हैं। राशन कार्ड बनवाना हो या पेंशन पाना, जब तक सरकारी दफ्तरों के दर्जन भर चक्कर न काट लें, काम होता ही नहीं। मगर अब इस समस्या से जल्द ही निजात मिल जाएगी और तय समय सीमा के भीतर सरकारी कार्यालय अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘राइट टू टाइम बाउंड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विसेज’ विधेयक यानी समय पर सेवा दिलाने वाले बिल को मंजूरी मिल गयी है। सरकार ने उम्मीद व्यक्त की है संसद के इसी बजट सत्र में यह विधेयक पारित हो जाएगा।
बिल में सरकार प्रत्येक सेवा के लिए एक समय सीमा निर्धारित करेगी। उक्त समय सीमा पर काम न होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी पर 250 रुपये रोजाना की दर से जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है, जो उसके वेतन से काटा जाएगा।

क्या होगा खास..................

•बिल में प्रत्येक सेवाओं यानी सरकारी प्राधिकार के लिए सिटीजन चार्टर प्रकाशित करने संबंधी दायित्व को तय किया गया है। इसमें इस बात का उल्लेख होगा कि कोई कार्य कितने दिन में होगा और कितने समय में सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही यदि सरकारी अधिकारी समय पर कार्य करने के प्रावधानों का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना भरना होगा। इसके अलावा नागरिकों की शिकायतों के निपटारे के लिए एक तंत्र भी बनाया जाएगा।
•पीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला
•देरी होने पर अधिकारी के वेतन से कटेंगे 250 रुपये प्रतिदिन

.......विधेयक में समय पर सेवा दे पाने में विफल रहने वाले किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। बताया जा रहा है कि प्रवासी भारतीयों को विधेयक के दायरे में लाने के मुद्दे को कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय और कानून मंत्रालय अलग-अलग देखेंगे। प्रस्तावित विधेयक सरकारी प्राधिकार के लिए कॉल सेंटर, कस्टमर केयर सेंटर, सहायता केंद्र और लोक प्रोत्साहन प्रणाली स्थापित करने को अनिवार्य बनाएगा ताकि सेवाओं को समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित हो सके। विधेयक में केंद्र एवं राज्य स्तर पर लोक शिकायत निवारण आयोग बनाने का भी प्रस्ताव है। आयोग के फैसले से नाराज कोई व्यक्ति केंद्र के लोक शिकायत निवारण आयोग के फैसले के मामले में केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त के समक्ष अपील दायर कर सकता है।

No comments:

Post a Comment