स्नातक में कला की अर्हता हो समाप्त, अनुदेशकों ने सौंपा डीएम को ज्ञापन
Updated on: Sun, 10 Mar 2013 07:30 PM (IST)
मैनपुरी: बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूलों में अनुदेशक की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गयी है। अनुदेशकों की भर्ती की शैक्षिक अर्हता को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि वह पहले भी अनुदेशक पदों पर कार्य कर चुके हैं। एक बार फिर शासन द्वारा 11 महीने की संविदा पर अंशकालिक अनुदेशकों को नियुक्त किया जा रहा है। जिसमें शैक्षिक योग्यता के नाम पर कला शिक्षा में शैक्षिक योग्यता इंटर कला विषय के साथ ही ड्राइंग और पेंटिंग में स्नातक मांगा है। जिस कारण प्राविधिक कला विषय से इंटर करने वाले बीकॉम, बीएससी डिग्रीधारक आवेदन नहीं कर सकते हैं। जबकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने भी बीटीसी और टीईटी के लिए बीए और बीएससी को योग्य माना था। जबकि एनसीटीई द्वारा बाद में संशोधन कर बीटीसी व टीईटी के लिए स्नातक योग्यता को अर्ह माना है। लेकिन अनुदेशक की नियुक्ति में कला विषय से स्नातक की अर्हता ने स्नातक उत्तीर्ण बीटीसी व टीईटी अभ्यर्थियों के लिए रास्ते मुश्किल कर दिये हैं। इसलिए अनुदेशक की भर्ती में स्नातक योग्यता अर्ह मानी जाए और कला विषय से बीए होने की बाध्यता खत्म की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में अश्वनी कुमार, अजय प्रताप सिंह, शिव कुमारी शर्मा, मोहनी पाठक, दुर्गेश गोस्वामी, रामकुमार, मालती देवी, राजीव कुमार मिश्रा, सत्यप्रकाश मिश्रा आदि शामिल थे।
पहली बार कक्ष निरीक्षक बनेंगे शिक्षा मित्र
Updated on: Sun, 10 Mar 2013 07:00 PM (IST)
महोबा, कार्यालय संवाददाता : शिक्षा मित्रों ने बोर्ड परीक्षाओं में अपनी भागीदारी की मांग जिलाधिकारी से की थी। इस पर उन्हें कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने का अवसर दिया गया है।
मंगलवार से बोर्ड परीक्षा कक्ष में शिक्षा मित्र ड्यूटी करते नजर आएंगे। चार मार्च को शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी अनुज कुमार से मिलकर बोर्ड परीक्षाओं में खुद की भागीदारी की इच्छा जताई थी। इस पर डीएम ने माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग को उनकी भागीदारी कराने के निर्देश दिए थे। उधर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग से 6 सैकड़ा से अधिक शिक्षकों की मांग है। इस पर कबरई ब्लाक के 12 सेंटरों में 333 शिक्षा मित्रों समेत पांच सैकड़ा शिक्षा मित्रों को कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें परिचय पत्र भी दे दिए गए है जो मुख्यालय के जीआईसी इंटर कालेज में सत्यापित किए जाएगे। शिक्षा मित्रों की भागीदारी से प्राथमिक शिक्षक राहत महसूस कर रहे है। वहीं शिक्षा मित्रों को पहली बार ड्यूटी करने की खुशी है।
टीइटी पास को समायोजित करे सरकार
Updated on: Sun, 10 Mar 2013 06:04 PM (IST)
रविवार को स्थानीय राधा कृष्ण मंदिर परिसर में टीइटी संघर्ष मोर्चा की हुई बैठक में उत्तीर्ण को आधार मानते हुए मेरिट तैयार करने की मांग की गई। अल्टीमेटम दिया गया कि यदि ऐसा सरकार नहीं करती है तो राज्य स्तरीय आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी।
मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमनाथ मिश्र ने कहा कि सरकार टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के साथ सौतेला व्यवहार न करे और यथाशीघ्र मेरिट के आधार पर बहाली पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है, यदि न्याय नहीं हुआ तो सर्वोच्च न्यायालय का शरण लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मुद्दे पर गंभीर हो जाए तो मामले का समाधान जल्द ही हो सकता है। बैठक को उपाध्यक्ष विनोद कुमार, अली हुसेन ने भी संबोधित किया। संचालन बिहारी यादव ने की।
Updated on: Sun, 10 Mar 2013 07:30 PM (IST)
मैनपुरी: बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूलों में अनुदेशक की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गयी है। अनुदेशकों की भर्ती की शैक्षिक अर्हता को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि वह पहले भी अनुदेशक पदों पर कार्य कर चुके हैं। एक बार फिर शासन द्वारा 11 महीने की संविदा पर अंशकालिक अनुदेशकों को नियुक्त किया जा रहा है। जिसमें शैक्षिक योग्यता के नाम पर कला शिक्षा में शैक्षिक योग्यता इंटर कला विषय के साथ ही ड्राइंग और पेंटिंग में स्नातक मांगा है। जिस कारण प्राविधिक कला विषय से इंटर करने वाले बीकॉम, बीएससी डिग्रीधारक आवेदन नहीं कर सकते हैं। जबकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने भी बीटीसी और टीईटी के लिए बीए और बीएससी को योग्य माना था। जबकि एनसीटीई द्वारा बाद में संशोधन कर बीटीसी व टीईटी के लिए स्नातक योग्यता को अर्ह माना है। लेकिन अनुदेशक की नियुक्ति में कला विषय से स्नातक की अर्हता ने स्नातक उत्तीर्ण बीटीसी व टीईटी अभ्यर्थियों के लिए रास्ते मुश्किल कर दिये हैं। इसलिए अनुदेशक की भर्ती में स्नातक योग्यता अर्ह मानी जाए और कला विषय से बीए होने की बाध्यता खत्म की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में अश्वनी कुमार, अजय प्रताप सिंह, शिव कुमारी शर्मा, मोहनी पाठक, दुर्गेश गोस्वामी, रामकुमार, मालती देवी, राजीव कुमार मिश्रा, सत्यप्रकाश मिश्रा आदि शामिल थे।
पहली बार कक्ष निरीक्षक बनेंगे शिक्षा मित्र
Updated on: Sun, 10 Mar 2013 07:00 PM (IST)
महोबा, कार्यालय संवाददाता : शिक्षा मित्रों ने बोर्ड परीक्षाओं में अपनी भागीदारी की मांग जिलाधिकारी से की थी। इस पर उन्हें कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने का अवसर दिया गया है।
मंगलवार से बोर्ड परीक्षा कक्ष में शिक्षा मित्र ड्यूटी करते नजर आएंगे। चार मार्च को शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी अनुज कुमार से मिलकर बोर्ड परीक्षाओं में खुद की भागीदारी की इच्छा जताई थी। इस पर डीएम ने माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग को उनकी भागीदारी कराने के निर्देश दिए थे। उधर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग से 6 सैकड़ा से अधिक शिक्षकों की मांग है। इस पर कबरई ब्लाक के 12 सेंटरों में 333 शिक्षा मित्रों समेत पांच सैकड़ा शिक्षा मित्रों को कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें परिचय पत्र भी दे दिए गए है जो मुख्यालय के जीआईसी इंटर कालेज में सत्यापित किए जाएगे। शिक्षा मित्रों की भागीदारी से प्राथमिक शिक्षक राहत महसूस कर रहे है। वहीं शिक्षा मित्रों को पहली बार ड्यूटी करने की खुशी है।
टीइटी पास को समायोजित करे सरकार
Updated on: Sun, 10 Mar 2013 06:04 PM (IST)
रविवार को स्थानीय राधा कृष्ण मंदिर परिसर में टीइटी संघर्ष मोर्चा की हुई बैठक में उत्तीर्ण को आधार मानते हुए मेरिट तैयार करने की मांग की गई। अल्टीमेटम दिया गया कि यदि ऐसा सरकार नहीं करती है तो राज्य स्तरीय आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी।
मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमनाथ मिश्र ने कहा कि सरकार टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के साथ सौतेला व्यवहार न करे और यथाशीघ्र मेरिट के आधार पर बहाली पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है, यदि न्याय नहीं हुआ तो सर्वोच्च न्यायालय का शरण लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मुद्दे पर गंभीर हो जाए तो मामले का समाधान जल्द ही हो सकता है। बैठक को उपाध्यक्ष विनोद कुमार, अली हुसेन ने भी संबोधित किया। संचालन बिहारी यादव ने की।
sabhi ko ek sath teacher bana do
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