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Sunday 20 January 2013

बीएड धारकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के प्रावधान को खारिज कर दिया

बीएड धारकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के प्रावधान को खारिज कर दिया

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनने का अंतिम मौका दिया है। न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा बीएड धारकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के प्रावधान को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही वर्तमान में चल रही 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बीएड धारकों द्वारा आवेदन करने के रास्ते खुल गए हैं। न्यायालय ने इसके लिए राज्य सरकार को तत्काल अधिसूचना जारी करने, इसका प्रदेश के अंदर व बाहर व्यापक प्रचार प्रसार कराने तथा ऐसे अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए कम से कम 15 दिन का समय देने का निर्देश दिया है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत अपने यहां निर्धारित शैक्षिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भारी कमी बताते हुए न्यूनतम योग्यता में छूट देने का अनुरोध किया था। केन्द्र सरकार ने इस क्रम में उन्हें एक जनवरी 2012 तक बीएड धारकों को भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य मानने की अनुमति दे दी थी। एक जनवरी 2012 तक चयन न हो पाने के बाद प्रदेश सरकार ने एक बार फिर उक्त समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध के क्रम में केन्द्र सरकार ने समय सीमा को 31 मार्च 2014 तक के लिए बढ़ा दिया था। इसमें कई शर्ते रखीं गईं थीं। इसके अनुसार यह छूट सिर्फ एक ही बार दी जा रही है। मार्च 2014 तक राज्य सरकार को न्यूनतम योग्यता देने वाले संस्थानों की संख्या व क्षमता में इस कदर इजाफा कर लेना है जिससे कि पर्याप्त संख्या में शिक्षक मिल सकें। साथ ही इस छूट के तहत चयनित बीएड डिग्री धारकों को चयन के बाद एनसीटीई द्वारा निर्धारित छह माह का विशेष प्रशिक्षण देना भी अनिवार्य होगा। केन्द्र सरकार के इस निर्देश के क्रम में राज्य सरकार ने पिछले दिनों घोषित 72 हजार रिक्तियों में सिर्फ टीईटी उत्तीर्ण को ही आवेदन करने की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। इस अपील पर न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त करने से इंकार कर दिया है। साथ ही इस बार केन्द्र सरकार द्वारा दी गई छूट के क्रम में बीएड डिग्री धारकों को बिना टीईटी के ही आवेदन करने की छूट दे दी है। इस आदेश से बीएड धारक लाखों छात्रों को प्राथमिक शिक्षक बनने का अंतिम मौका मिल गया है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन हो जाने के चलते अब नए बीएड डिग्री धारक
News Source : Jagran (19.1.12)

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