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Thursday, 24 January 2013

अध्यापक सेवा नियमावली

अध्यापक सेवा नियमावली 12 वें संशोधन के अनुसार केवल उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा वाले ही नियुिक्त के पात्र है  बिना संशोधन के सी0टी0ई0टी0 वाले पात्र नही हो सकते वही दूसरी ओर जिन्होने 2012 में
सी0टी0ई0टी0 2012 उर्त्तीण किया है वह भी विधि द्वारा स्थापित नियमो के आधार पर नियुक्ति के पात्र नही है जिन्होाने वर्ष 2011 की सी0टी0ई0टी0-2011 कक्षा 1-5 उर्त्ती्ण किया है वह अभ्यावर्थी ही केवल
नियुक्ति के पात्र होगें क्योन कि बाद में 2012 में अयोजित करायी गयी सी0टी0ई0टी कक्षा 1-5 की परीक्षा के लिये न्यू नतम योग्याता से बी0एड0 उर्त्तीनण को हटा दिया गया था जिनको केवल प्रथम वर्ष 2011 में आयोजित परीक्षा में छूट प्रदान की गयी थी तथा यू0पी0 टी0ई0टी0 2011 के शासनादेश के अनुसार 2012 में बी0एड0 डिग्री0 धारी यू0पी0 टी0ई0टी0 2011 की अर्हताओ के अनुरूप नही है जिनको न्यायालय की शरण में जा कर बाहर किया जा सकता है और यह शासन के नीतिगत मामले में नही आता है कि वह अपने पूर्व में बनाये गये नियमो के खिलाफ कोई कार्य कर सके अतः बी0एड0 2012 वालो को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है भारत के राजपत्र के अनुसार भी यह बी0एड0 2012  वाले अर्ह नही है इस आधार पर इनकी नियुक्ति असंवैधानिक हो सकती है एन0सी0टी0ई0 के टी0ई0टी0 आर्हता संबधी मानको में बी0एड0 उर्त्तीण एवं बी0एड0 एपेयरिंग ही मान्या है अतः इनकी नियुक्ति असंवैधानिक सकती ह 
ग्रेडिंग पर नहीं मिल रहा जवाब
प्रशिक्षु शिक्षकों की मेरिट का प्रकरण
असमंजस बरकरार

उच्च न्यायालय के19 जनवरी के निर्णय के बाद
जो अभ्यर्थी बीए, बीएससी तथा बीएड उत्तीर्ण
हैं किन्तु यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011
(टीईटी) उत्तीर्ण नहीं किया है,
उनको भी प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति के लिए
रास्ता खुल गया। यहां चूंकि सरकार ने 72,825
पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दिया है ऐसे
में यह सवाल उठ रहा है कि नए अभ्यर्थी चयन में
कैसे शामिल हो पाएंगे। विभागीय सूत्रों की मानें
तो शासन स्तर पर यह मंथन चल रहा है कि नये
पदों पर आगे इनकी नियुक्ति की कार्यवाही शुरू
की जाएगी। दूसरी ओर सरकार सुप्रीम कोर्ट में
विशेष अनुज्ञा (एसएलपी) दाखिल करने
की तैयारी में जुटी है।
काउंसलिंग पर पैनी नजर
प्रशिक्षु शिक्षकों के पदों के लिए आवेदन करने
वाले अभ्यर्थियों के लिए बेहतर
स्थिति यही होगी कि वह गुणांक को सही प्रकार
से आंकने के बाद कट आफ मेरिट से ऊपर रैंक
होने के बाद ही संबंधित जनपद में
अपना प्रत्यावेदन काउंसलिंग हेतु प्रस्तुत करें।
यदि कोई अभ्यर्थी फर्जी अथवा कूटरचना से
शिक्षक पद पर अपना चयन कराने में सफल
हो जाता है तो उसकी जानकारी मिलने पर उसके
खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इसके
लिए समस्त जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों
को निर्देश भेजा जा रहा है।
यदि कहीं शिक्षकों के चयन में
गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त होती है या कोई
अनियमितता सामने आती है तो सरकार जिम्मेदार
व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने
का मन बनाया है। बेसिक शिक्षा परिषद से
मिली सूचनानुसार यदि कोई चयनित
अभ्यर्थी निर्धारित समय में निर्दिष्ट स्कूल में
पद ग्रहण नहीं करता है
तो उसकी नियुक्ति स्वत: निरस्त मान
ली जाएगी। जनपद में जहां चयन
हो जाएगा वहीं संबंधित अभ्यर्थी के मूल शैक्षिक
प्रमाणपत्र जमा करा लिए जाएंगे ताकि वह
किसी दूसरे जनपद के चयन में शामिल न हो सके।
शासन के इस निर्णय से चयन में आपाधापी कम
हो जाएगी।इलाहाबाद (डीएनएन)। प्रशिक्षु
शिक्षकों की मेरिट का मामला बीएड के
अंकों तथा ग्रेडिंग के कारण फिलहाल उलझ
गया है। यहां बता दें कि विश्वविालय बीएड
परीक्षा में ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर रखा है। इन
विालयों के जिन छात्रों ने आवेदन कर रखा है
उनकी मेरिट तय नहीं हो पा रही है। राज्य
शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद
(एससीईआरटी) ने सम्बन्धित विश्वविालयों से
ग्रेडिंग के सम्बन्ध में जानकारी चाही थी किन्तु
विश्वविालयों ने कोई जवाब नहीं दिया इसलिए
अभी तक इस मामले में कोई
फैसला नहीं हो पाया है और न ही यह पता चल
सका है कि सम्बन्धित विश्वविालय किस ग्रेड
को क्या अंक प्रतिशत दिया है।
विदित हो कि बीएचयू, इंदौर तथा अलीगढ़
विश्वविालय में छात्रों को ग्रेडिंग दी जाती है।
इसके अलावा प्रयोगात्मक तथा सैद्घान्तिक के
पूर्णाक का मामला भी उलझा हुआ है।
सभी विश्वविालय में इनके समान अंक नहीं होते
हैं। ऐसे में जहां 200 का प्रयोगात्मक होता है
और उदाहरण के लिए जहां 400
का प्रयोगात्मक है उनकी मेरिट में भी अंतर
पैदा हो जायेगा। यहां से बीएड करने वाले
अभ्यर्थियों ने भी इस पर गुहार की है।
पता चला है कि सरकार इन विश्वविालयों से ग्रेड
के अंक की जानकारी करने के लिए प्रयास शुरू
कर दिया है।
यह मामला जब तक तय
होगा क्या शिक्षकों की चयन प्रक्रिया इस बीच
रोक दी जायेगी। विभागीय सूत्रों की मानें
तो बेसिक शिक्षा परिषद दो स्तरों पर काम कर
रही है। यदि समय से इनका मामला हल
नहीं हो पाता तो नये सृजित होने वाले पदों पर
इनको समायोजित किया जायेगा।
 

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