शिक्षक भर्ती मामला : आवेदन स्वीकार न करने पर हाईकोर्ट नाराज
*. ऑवर एज अभ्यर्थियों के आवेदन 24 जनवरी तक स्वीकार करने का था आदेश
*. दोहरे आरक्षण के विरोध में याचिका खारिज,कहा कि टीईटी में 5% छूट आरक्षण नहीं
इलाहाबाद। प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के मामले में इस बार आयु सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियों का आवेदन स्वीकार नहीं करने पर हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। प्रदेश सरकार से पूछा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट क्यों बंद कर दी गई। कोर्ट ने 30 नवंबर-11 के विज्ञापन में आवेदन करने वाले ऐसे सभी लोगों को शामिल करने का निर्देश दिया था जो इस बार आयु अधिक या कम हो जाने के कारण आवेदन करने की अर्हता से बाहर हो गए थे। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई होगी।
नौ जनवरी को दिए आदेश में न्यायालय ने ऐसे सभी लोगों का आवेदन 24 जनवरी तक स्वीकार करने का निर्देश दिया था। मगर बेसिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट बंद होने के कारण लोग आवेदन नहीं कर सके। न्यायालय ने पांच सौ रुपये प्रति जिले के हिसाब से शुल्क जमा करके आवेदन करने की छूट प्रदान की थी। आदित्य त्यागी और अन्य की ओर से इस मामले में संशोधन प्रार्थनापत्र देकर कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद् ने अभ्यर्थी का आवेदन आयु सीमा अधिक होने के आधार पर निरस्त कर दिया। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडनने प्रदेश सरकार से जवाब तलब करते हुए सुनवाई बृहस्पतिवार कोनियत की है।
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प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती में आरक्षित श्रेणी को दोहरा आरक्षण देने के विरोध में दाखिल याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। संजय कुमार आदि की याचिका में कहा गया था कि आरक्षित श्रेणी को टीईटी में पांच प्रतिशत की छूट गई है। अब नियुक्ति के समय भी उनको आरक्षण का लाभ दिया जाएगा इस प्रकार से उनको दोहरे आरक्षण का लाभ मिल रहा है। ऐसा करना नियमानुसार गलत होगा। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि टीईटी में पांच प्रतिशत की छूट देने को आरक्षण नहीं माना जा सकता है। इसी याचिका पर कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि जिन आवेदकों को आयु सीमा के मामले में पुन: आवेदन करने की छूट दी गई है वह 24 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
(साभार-अमर उजाला)
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