यूपी: पॉलिटेक्निक में निकलने वाली है नौकरियां
उत्तर प्रदेश के सभी राजकीय पॉलीटेक्निक में बहुत जल्द नौकरियों की बहार आएगी। इनमें लेक्चरर और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की लगभग सारी बाधाएं (कोर्ट, शासन स्तर पर लंबित मामले) अब दूर हो गई हैं।
शासन ने लेक्चरर के 514 पद भरे जाने का प्रस्ताव मंजूर करके लोक सेवा आयोग को भेज दिया है। जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।
वहीं, प्राविधिक शिक्षा निदेशालय, खुलने वाले नए पॉलीटेक्निक और पुराने पॉलीटेक्निक में 360 तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है।
प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने इन पदों का ब्योरा शासन को भेज दिया है। इस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है।
यूपी में 76 राजकीय पॉलीटेक्निक हैं। इनमें लेक्चरर के ज्यादातर पद खाली पड़े हैं। दिसंबर 2012 से फरवरी 2013 के बीच लेक्चरर के कुछ पद भरे गए लेकिन 514 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अटक गई।
इस पर प्राविधिक शिक्षा निदेशक ओपी वर्मा ने इन पदों को भरने का जनवरी-2013 मे प्रस्ताव शासन को भेजा, जिसे मार्च में स्वीकार कर लिया गया है।
इन पदों को भरने के लिए शासन ने लोक सेवा आयोग को निर्देश भी दे दिए हैं। निदेशक ने बताया कि जो राजकीय पॉलीटेक्निक पहले से चल रहे हैं, उनमें तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के 250 पद खाली हैं।
टीईटी मामले मेँ नया मोड़: गुणांक पद्धति असंवैधानिक-हाईकोर्ट
टीईटी मामले मेँ सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बेसिक नियमावली पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। सरकार ने विगत वर्ष प्राथमिक स्कूलोँ मेँ सहायक अध्यापको की नियुक्ति के लिए नियमावली मेँ संशोधन करते हुए गुणांकप्रणाली लागू किया था जिसमेँ अकादमिक रिकार्ड के औसत के आधार पर मेधा सूची बनाई गई परन्तु विभिन्न विवादोँ के चलते प्रक्रिया न्यायालय मेँ फँस गई। गुरूवार को न्यायमूर्ति सुशील हरकौली व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने एक विशेष अपीलकी सुनवाई करते हुए कहा कि वर्तमान प्रक्रिया उस परिस्थिति मेँ समानता के अधिकार से विरोध रखती है जबआवेदक विभिन्न बोर्ड और विभिन्न यूनिवर्सिटी से होँ। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को रखी गई है तथा सरकार को समस्त प्रपत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के सभी राजकीय पॉलीटेक्निक में बहुत जल्द नौकरियों की बहार आएगी। इनमें लेक्चरर और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की लगभग सारी बाधाएं (कोर्ट, शासन स्तर पर लंबित मामले) अब दूर हो गई हैं।
शासन ने लेक्चरर के 514 पद भरे जाने का प्रस्ताव मंजूर करके लोक सेवा आयोग को भेज दिया है। जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।
वहीं, प्राविधिक शिक्षा निदेशालय, खुलने वाले नए पॉलीटेक्निक और पुराने पॉलीटेक्निक में 360 तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है।
प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने इन पदों का ब्योरा शासन को भेज दिया है। इस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है।
यूपी में 76 राजकीय पॉलीटेक्निक हैं। इनमें लेक्चरर के ज्यादातर पद खाली पड़े हैं। दिसंबर 2012 से फरवरी 2013 के बीच लेक्चरर के कुछ पद भरे गए लेकिन 514 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अटक गई।
इस पर प्राविधिक शिक्षा निदेशक ओपी वर्मा ने इन पदों को भरने का जनवरी-2013 मे प्रस्ताव शासन को भेजा, जिसे मार्च में स्वीकार कर लिया गया है।
इन पदों को भरने के लिए शासन ने लोक सेवा आयोग को निर्देश भी दे दिए हैं। निदेशक ने बताया कि जो राजकीय पॉलीटेक्निक पहले से चल रहे हैं, उनमें तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के 250 पद खाली हैं।
टीईटी मामले मेँ नया मोड़: गुणांक पद्धति असंवैधानिक-हाईकोर्ट
टीईटी मामले मेँ सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बेसिक नियमावली पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। सरकार ने विगत वर्ष प्राथमिक स्कूलोँ मेँ सहायक अध्यापको की नियुक्ति के लिए नियमावली मेँ संशोधन करते हुए गुणांकप्रणाली लागू किया था जिसमेँ अकादमिक रिकार्ड के औसत के आधार पर मेधा सूची बनाई गई परन्तु विभिन्न विवादोँ के चलते प्रक्रिया न्यायालय मेँ फँस गई। गुरूवार को न्यायमूर्ति सुशील हरकौली व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने एक विशेष अपीलकी सुनवाई करते हुए कहा कि वर्तमान प्रक्रिया उस परिस्थिति मेँ समानता के अधिकार से विरोध रखती है जबआवेदक विभिन्न बोर्ड और विभिन्न यूनिवर्सिटी से होँ। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को रखी गई है तथा सरकार को समस्त प्रपत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
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