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Thursday 4 April 2013

12 teacher vacancy 4 april 2013

12 हजार शिक्षकों के पद रिक्त
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रदेश के लगभग सभी राजकीय इंटर कॉलेज, शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं।आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 561 राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 410पद रिक्त हैं। दूसरी ओर तीन साल केभीतर 1069 विद्यालयों को उच्चीकृत कर माध्यमिक बना दिया गया है। इस तरह के 90 फीसदी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं। वहीं प्रदेश भर के लगभग 12हजार एलटी ग्रेड शिक्षक के पद रिक्त हैं।
प्रदेश में इस समय जीआइसी और जीजीआइसीकी कुल संख्या 561 है। इनमें 4836 प्रवक्ता, 10868 एलटी पुरुष संवर्ग, 11889 एलटी महिला संवर्ग के पद सृजित हैं। इनमें से 1765 प्रवक्ता, 5663 एलटी पुरुष संवर्ग और 6800 एलटी महिला संवर्ग के पद खाली हैं। जो विद्यालय दो पालियों में चलते हैंउनमें दो उप प्रधानाचार्य का पदसृजित किया गया है। प्रदेश के 22 में 14 विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पदरिक्त हैं।
रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरे जाने केलिए विरोध प्रदर्शनकी तैयारी कर रहे राजकीय शिक्षक संघ ने प्रदेश में शिक्षा की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्र ने मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों के लिएनियम बनाकर यह आवश्यक कर दिया जाए कि वह अपने बच्चों और पाल्य को सरकारी विद्यालय में ही पढ़ाएं। इससे शिक्षा का बाजारीकरण भी रुकेगा और पठन-पाठन का माहौल सुधरेगा, इससे भ्रष्टाचार परभी अंकुश लग सकेगा।

अखिलेश सरकार का 2013-14 का रोडमैप तैयार : नई नीतियां बनेंगी
BUMPER JOBS IN UP : सरकारी महकमों में बंपर भर्ती करने की

uptet
तैयारी
LEKHPAL RECRUITMENT UP लेखपाल के 5400 पदों पर तत्काल शुरू की जाए भर्ती : मुख्य सचिव
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए विकास कार्यों की प्राथमिकता का एजेंडा तय कर दिया है। समय से पहले लोकसभा चुनाव की आहट के बीच सरकार ने विभिन्न विभागों में खाली चल रहे पदों पर भर्तियों को इस साल अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। शिक्षक, कांस्टेबल, उपनिरीक्षक, लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी व अन्य पदों पर बड़ी संख्या में भर्तियों की तैयारी है। यही नहीं सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में करीब दो दर्जन नई नीतियां लाने या पुरानी नीतियों में बदलाव का फैसला किया है। नई नीतियों के जरिये ज्यादा से ज्यादा रोजगार के रास्ते तैयार करने पर अधिक जोर है। अनुदेशक नियमावली में संशोधन करते हुए अनुदेशकों के रिक्त पदों को भरने का फैसला भी एजेंडे में शामिल है। प्रदेश में बैंकों की 3,000 नई शाखाएं खोलना भी प्राथमिकताओं में है। इनमें से 300 नई बैंक शाखाओं का उद्घाटन हाल में केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम कर चुके हैं।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने वर्ष 2013-14 में विभिन्न विभागों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के करीब पौने दो सौ बिंदुओं का एजेंडा जारी किया है। इसमें सूबे के विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने को पहले बिंदु के रूप में शामिल किया गया है। वित्त विभाग को 72,861 करोड़ रुपये कर संग्रह का लक्ष्य मिला है। केंद्र सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों में अधिकाधिक केंद्रीय सहायता हासिल करना एजेंडा का दूसरा मुख्य बिंदु है।
इसमें मनरेगा, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जेएनएनयूआरएम, नेशनल ई-गवर्नेंस योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा, एसएसए, आरटीई, एनएचआरएम सहित केंद्रीय सहयोग से चलने वाली 26 योजनाएं शामिल हैं। एजेंडे में पिछले साल घोषित कई नई नीतियों के क्रियान्वयन पर जोर देने के साथ ही इस साल कई और नीतियां लाने और कई अधिनियमों में संशोधन की योजना की मंशा भी जाहिर की गई है। यह एजेंडा सभी विभागाध्यक्षों को भेज दिया गया है।

शिक्षक शिक्षा पर नीति के लिए बनेगी विशेषज्ञ समिति
प्राथमिक स्कूलों के बच्चे भी टाई लगाकर करेंगे पढ़ाई : मंत्री

लखनऊ (डीएनएन)। शक्षकोंकी कमी समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के बच्चे जल्द ही टाई समेत पूरी पोशाकमें कुर्सी पर बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे और इन विालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित समीक्षा-जांच होगी। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने गुरुवार को बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने के अब उनके शैक्षिक स्तर की जांच कराई जाएगी और समय-समय पर बच्चों की परीक्षा ली जाएगी। साथ ही बच्चों में देशभक्ति कीभावना जगाने के लिए उन्हें शहीद स्मारकों का भ्रमण कराया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से बजट के प्रावधान की बात चल रही है। (शेष पेज-2 पर)
नई दिल्ली (एजेंसियां)। केंद्रीय और राज्यों की शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में भारी संख्या में शिक्षकों के ‘फेल’ होने का संज्ञान लेतेहुए सरकारने एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय किया है। यह समिति सेवाकाल के दौरान शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं शिक्षण के लिए व्यापक नीति तैयार करेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के नेतृत्व वाले उच्चाधिकार प्राप्त आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के बाद किया गया है। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 से लागू की गई थी और पहली परीक्षा में 85 प्रतिशत और दूसरी में 92 प्रतिशत शिक्षक परीक्षा पास करने में नाकाम रहे थे। जेएस वर्मा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं मेंप्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित करने की सिफारिशकी है। आयोग ने कहा कि अच्छा होगा कि टीईटी जैसी परीक्षा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं मेंदाखिले से पहलेली जाए।अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय किया हैताकि व्यापक नीति तैयारकी जा सके।

UPTET : ALLAHABAD HC TRIPLE BENCH HEARING ON 3RD APRIL 2013

UPTET : ALLAHABAD HC TRIPLE BENCH HEARING ON 3RD APRIL 2013


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 29
Case :- WRIT - A No. - 12908 of 2013
Petitioner :- Shiv Kumar Sharma
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors.
Petitioner Counsel :- Anil Bhushan,Adarsh Bhushan,Rahul Agrawal
Respondent Counsel :- C.S.C.,R.A. Akhter,R.B.Yadav

Hon'ble Sunil Ambwani,J.
Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Hon'ble Pradeep Kumar Singh Baghel,J.
The Vakalatnama filed by Sri Bhanu Pratap Singh on behalf of respondent no.3 is taken on record.
The Full Bench has been constituted by the orders of Hon'ble the Chief Justice dated 14.3.2013 for deciding the reference made on 8.3.2013 in Writ Petition No.12908 of 2013.
We have heard Shri Rahul Agarwal, Shri Arvind Srivastava, Shri Ashok Khare, Senior Counsel for the petitioners. Shri C.B. Yadav, Additional Advocate General appears for the State of UP. Shri R.A. Akhtar appears for National Council for Teachers Education. Shri R.B. Singhal, Assistant Solicitor General of India assisted by Shri Krishna Agarwal appear for the Central Government.
After giving an opportunity of preliminary hearing to the parties, we are of the view that following questions arise for consideration by the Full Bench:-
"a) What does the phrase "minimum qualifications" occurring in Section 23 (1) of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 (the Act) mean - whether passing the 'Teacher's Eligibility Test', is a qualification for the purposes of Section 23 (1), and its insistence by the NCTE in the Notification dated 23.08.2010 is in consonance with the powers delegated to the NCTE under Section 23 (1) of the Act?
b) Whether clause 3 (a) of the notifications dated 23.08.2010 and 29.07.2011 issued by the NCTE under Section 23 (1) of the Act,� permits persons coming under the ambit of that clause to not undergo the 'Teacher's Eligibility Test', before they are eligible for appointment as Assistant Teachers? What is the significance of the words "shall also be eligible for appointment for Class-I to V upto 1st January, 2012, provided he undergoes, after appointment an NCTE recognized six months special programme in elementary education"?
c) Whether the opinion expressed by the Division Bench in Prabhakar Singh and others vs. State of UP and others 2013 (1) ADJ 651 (DB), is correct in law?
List on 16.4.2013 at 10.00 AM. The parties will� file written arguments with supporting documents by 12.4.2013.
Order Date :- 3.4.2013
RKP

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2477828
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What I felt is, Court wants to know following details -
1. Minimum Qualification
2. Kya TET pass karna ek Qualification Hai  ?
3. Iska kya matalb hai - shall also be eligible for appointment for Class-I to V upto 1st January, 2012, provided he undergoes, after appointment an NCTE recognized six months special programme in elementary education"?

4. Kya Double Bench/Division Bench kee openion (RAI) Jo ke Prbhakar Singh ke case mein dee gayee thaa, Vhe Kanoonan Sahee Hai ??
Mere khyal se vhe - NON TET ko Teacher Bhrtee Mein Shamil Karne Kee Thee

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